Friday, September 25, 2015
Tuesday, September 22, 2015
डेंगू, एवं मलेरिया से बचाव / डॉ लाल थदानी
डेंगू, एवं मलेरिया से बचाव / डॉ लाल थदानी
DyCmho Health
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यह सच है कि डेंगू का मच्छर दिन के उजाले में घरों के अंदर या बाहर काटता है, लेकिन अगर रात में रोशनी जल रही हो तब भी ये मच्छर काट सकते हैं। बचाव के लिए मच्छर प्रतिरोधक का इस्तेमाल करें। बचाव के लिए पूरी बाजू की कमीज और पायजामा या पैंट पहनें।
यह भी ध्यान रखें कि खिड़कियों के पर्दे सुरक्षित हों और उनमें छेद न हों।
डेंगू से बचने के लिए मच्छरों को अंडे देने से रोकने के लिए घर में पानी जमा होने से रोकना चाहिए।
बाहर रखे साफ पानी के बर्तनों जैसे पालतू जानवरों के पानी के बर्तन, बगीचों में पानी देने वाले बर्तन और पानी जमा करने वाले टैंक , टंकी , टायर, कूलर्स, इत्यादि को साफ रखें।
घर के अंदर फूलदानों में पानी जमा न होने दें और उन्हें हफ्ते में एक बार जरूर साफ करें।
जिन लोगों के घर में कोई डेंगू से पीड़ित है, वह थोड़ा ज्यादा ध्यान रखें कि मच्छर दूसरे सदस्यों को न काटे। बीमारी को फैलने से बचाने के लिए पीड़ित को मच्छरदानी के अंदर सोना चाहिए। अस्पतालों को भी चाहिए कि वे डेंगू के मरीजों को मच्छरदानी उपलब्ध करवाएं।
डॉ लाल थदानी ने बताया कि
"बहुत से लोगों को नहीं पता कि डेंगू का मच्छर गंदी नालियों में नहीं बल्कि साफ सुथरे पानी में पनपते हैं।
साफ सुथरे शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा रहता है।
बचाव इलाज से हमेशा बेहतर रहता है। अगर आप को डेंगू हो जाए तो घबराएं नहीं, भरपूर मात्रा में तरल आहार लें, क्योंकि डिहाइड्रेशन से ही बीमारी खतरनाक होती है और अगर डेंगू के मरीज का प्लेटलेट्स काउंट 10,000 से ज्यादा हो तो प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन की जरूरत नहीं होती। बल्कि बेवजह प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन नुकसान कर सकता है।
डेंगू बुखार मादा एडीस मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू में तेज बुखार के साथ नाक बहना, खांसी, आखों के पीछे दर्द, जोड़ों के दर्द और त्वचा पर हल्के रैश होते हैं। हालांकि कुछ लोगों में लाल और सफेद निशानों के साथ पेट खराब, जी मिचलाना, उल्टी आदि हो सकता है। चूंकि यह एक वायरस से होता है इसलिए इसकी कोई दवा या एंटीबायटिक नहीं है, इसका इलाज इसके लक्ष्णों का इलाज करके ही किया जाता है। तेज बुखार बीमारी के पहले से दूसरे हफ्ते तक रहता है।
उचित मच्छर प्रतिरोधक का प्रयोग करके और अन्य उपाय करके मच्छरों से बचा जा सकता है। घर में मच्छरों के पनपने को रोकना चाहिए।
मच्छरों से बचने के उपाय-
1-बारिश का पानी निकालने वाली नालियों, पुराने टायरों, बाल्टियों, प्लास्टिक कवर, खिलौनों और अन्य जगह पर पानी रुकने न दें।
2- फव्वारों, पक्षियों के बर्तनों, गमलों इत्यादि से हफ्ते में एक बार पानी बदल दें।
3- अस्थायी पूल्ज को खाली कर दें या उनमें मिट्टी भर दें।
4- स्विमिंग पूल का पानी बदलते रहें और उसे चलता रखें।
5- दीवारों, दरवाजों और खिड़कियों की दरारों को भर दें।
6-दरवाजों और खिड़कियों की अच्छे से जांच कर लें।
7- बच्चें को सुलाने वाले कैरियर और अन्य बिस्तर को मच्छरदानी से ढक दें।
8- लंबी बाजू की शर्ट, पैंट और जुराबें पहनकर मच्छरों के कटने से बचें।
9- अपने शरीर को कपड़ों से ददक कर रखें, ताकि खाली जगह से मच्छर काट न सकें।
10- सूर्य उदय और अस्त के समय व शाम को घर और खिड़कियों के दरवाजे बंद रखें, क्योंकि मच्छर इस वक्त ज्यादा सक्रिय होते हैं।
पुनः ध्यान दें
छोटे डिब्बो व ऐसे स्थानो से पानी निकाले जहॉं पानी बराबर भरा रहता है।
कूलरों का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदले।
घर में कीट नाशक दवायें छिडके।
बच्चों को ऐसे कपडे पहनाये जिससे उनके हाथ पांव पूरी तरह से ढके रहे।
सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
मच्छर भगाने वाली दवाईयों/ वस्तुओं का प्रयोग करें।
टंकियों तथा बर्तनों को ढककर रखें।
आवश्यकता होने पर जले हूये तेल या मिट्टी के तेल को नालियों में तथा इक्कट्ठे हुये पानी पर डाले।
रोगी को उपचार हेतु तुरन्त निकट के अस्पताल व स्वास्थ्य केन्द्र में ले जावें।
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मिशन के रूप मे डेंगू और मलेरिया की होगी रोकथाम – डॉ. लाल थदानी https://www.newsview.in/rajasthan/ajmer/140674/
Thursday, September 17, 2015
Happy Ganesh Chaturthi
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ॐवक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।
गणेश चतुर्थी के मंगलमय अवसर पर,आपको और आपके परिवार की और से हार्दिक शुभकामनाए।
🙏 ॐ गणेशाए नमः 🙏
Sunday, September 13, 2015
Tuesday, September 8, 2015
Jln Golden Jubilee 24_25 Dec 15
मै यादों का किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
मै गुजरे पल को सोचूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
अब जाने कौन सी नगरी में,
आबाद हैं जाकर मुद्दत से.
मै देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
सबकी जिंदगी बदल गयी
एक नए सिरे में ढल गयी
किसी को नौकरी से फुरसत नही
किसी को दोस्तों की जरुरत नही
सारे यार गुम हो गये हैं
तू से आप और तुम हो गये है
मै गुजरे पल को सोचूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
धीरे धीरे उम्र कटती जाती है
जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है,
कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है
और कभी यादों के सहारे उम्र कट जाती है ...
किनारो पे सागर के खजाने नहीं आते,
फिर जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते ...
जी लो इन पलों को हंस के दोस्तों
फिर लौट के दोस्ती के जमाने नहीं आते ... !!!
Dedicated to all friends
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Friday, August 28, 2015
Save Girl Child :Happy Rakshabandhan
बेटी को गर्भ में मारने वाले परिवारों के इकलौते लडको को सूनी कलाई मुबारक हो!
Happy Rakshabandhan
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Monday, August 24, 2015
Monday, August 17, 2015
Don't React.. Handle d Situation
The cockroach theory for self development
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At a restaurant, a cockroach suddenly flew from somewhere and sat on a lady.She started screaming in panic and out of fear she started jumping desperately trying to get rid of the cockroach.
Her reaction was contagious, as everyone in her group also got panicky.The lady finally managed to push the cockroach away but ...it landed on another lady in the group.
She also jumped and screamed like a hell.
One of the waiters rushed forward to their rescue.In the relay of throwing, the cockroach next fell upon the waiter.Contradictory the waiter stood firm, composed himself then he grabbed it with his fingers and threw it out of the restaurant.
Sipping my coffee and watching d amusement, I started wondering, was the cockroach responsible for their histrionic behavior?If so, then why was the waiter not disturbed?
He handled it near to perfection, without any chaos.It is not the cockroach, but the inability of those people to handle d situation
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I realized that, it is not the shouting of my father or my boss or my wife that disturbs me, but it's my inability to handle the disturbances caused by their shouting that disturbs me.
It's not the traffic jams on the road that disturbs me, but my inability to handle the disturbance caused by the traffic jam that disturbs me.
More than the problem, it's my reaction to the problem that creates chaos in my life.
Lessons learnt from the story:
I understood, I should not react in life.I should always respond.
The women reacted, whereas the waiter responded.Reactions are always instinctive whereas responses are always well thought of.A beautiful way to understand......
LIFE.
Person who is HAPPY is not because Everything is RIGHT in his Life..
He is HAPPY because his Attitude towards Everything in his Life is Right..!!,
Pl lik n share my blog
Live n Love Life by Lal
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17 Aug 15
Friday, August 14, 2015
Happy Independence Day
आजाद की कभी शाम नहीं होने देंगें;
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगें;
बची हो जो एक बूंद भी गरम लहू की;
भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगें,
स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐं