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Sunday, November 14, 2021

फिर से जी ले अल्हड़ बचपन / डॉ लाल थदानी

ए मेरे मन किस बात का है गम 
जिन्दा कर अपना अल्हड़ बचपन
क्यों ऊहापोह, उधेड़बुन और शिकन
उमर पचपन में देख बालमन बचपन
आ फिर से जी ले निर्बाध बचपन

 रिश्तों की पौध क्यों सूख रही है
महके बगिया खिले चमन सोचे बचपन
बारिश में बहाएं कागज़ की कश्ती 
पकड़े, ठहाका मारे अबोध बचपन
आ फिर से जी ले निर्बाध बचपन

आओ फिर बनाएं मिट्टी के घरोंदे
कूद कर खुद ही रौंधे चंचल बचपन
सूरज रोज क्यों डूबे पश्चिम दिशा में
चंदा तारे क्या बतियाए सोचे बचपन
आ फिर से जी ले निर्बाध बचपन

झूठ बोलकर भी सच्चे लगते थे
लड़कर अगले दिन गले लगते थे
रिश्ते सचमुच बड़े अच्छे लगते थे
सब रंगों में एक ही रंग अनोखा बचपन
आ फिर से जी ले निर्बाध बचपन

डॉ लाल थदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे
14.11.2021

Saturday, September 25, 2021

लाडली मेरी लाडली नेहल मेरी लाडली / डॉ लाल थदानी

डॉ लाल थदानी ने अपनी प्यारी दुलारी बिटिया 
नेहल की शादी में उनकी और दामाद बेटा 
सीए तरुण नेभनानी के विशेष अनुग्रह पर  
विदाई गीत लिखा और अजमेर क्लब में  
शिद्दत से गाते हुए सभी बेटी 
बहु को समर्पित किया है ।  
            
थीम थी केसरिया ।




लाडली मेरी लाडली नेहल मेरी लाडली ।  

Please यू ट्यूब पर जाकर 
like, comment and Share करें ।   

8005529714 
drlal2010@gmail.com 

लाडली मेरी लाडली नेहल मेरी लाडली
छोड़कर बाबुल का घर 
बेटी मेरी ससुराल चली

केसरिया रंगों से  बेटी तू नहाए
सुख मिले तुझको कभी 
दुख न छू पाए 
तरुण संग खिलखिलाए 
मेरी लाडली

आसां है शादी की रस्में निभा लेना
मुश्किल है मगर बेटी को जुदा कर लेना

बचपन से जिसको हमने नाजों से पाला
मेहमां की तरह उसको आज विदा कर डाला
पापा मम्मी की शान बढ़ाए 
मेरी लाडली

डॉ लाल थदानी 
ने लिखा और गाया है

#अल्फ़ाज़_दिलसे
8005529714
drlal2010@gmail.com


Lyrics Dr Lal Thadani
Music Dr Lal Thadani
Singer Dr Lal Thadani



https://youtu.be/EFDqK5UjgK8

Saturday, August 28, 2021

सच्चे मित्रों का रहूं मोहताज़ / डॉ लाल थदानी


सबके उद्गार लिखती है 
मेरी कलम मेरी दवात
मेरे दिल से निकलता है 
मेरा हर अल्फ़ाज़
सादगी से कहता हूं मैं 
हर किसी की बात
लोग जलें या डरें 
इसमें मेरा नहीं कोई दोष
मैं शायर हूं लिखता हूं 
सच्चाई से जज़्बात
इसलिए सबके दिलों में हूं
बसता हूं बनकर आवाज़ 
मेरी शोहरत मेरा नाम है,
जीने का यही मेरा अंदाज़
अच्छे सच्चे मित्रों का मैं
भक्तिपूर्वक रहूं मोहताज

डॉ लाल थदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे 
28.8.2021

Thursday, August 26, 2021

कान्हा तो कान्हा ही रहेगा / डॉ लाल थदानी

लघु कथा
कान्हा तो कान्हा ही रहेगा / डॉ लाल थदानी

बेचारा गरीब सुदामा चावल की पोटली और 
राखी लेकर आधुनिक अमीर कृष्ण के पास गया । उसने ही तो दोस्तों को मैसेज किया था । वो भी अंग्रेजी में । छोटा सा मोबाइल लेकर सुदामा सबको मेसेज दिखाता फिरा । 

You guy's whenever you happen to be here please visit ( जब भी आपका आना हो कृपया मेरे पास जरूर आना ) । भोला भाला सुदामा ने समझा राखी और जन्माष्टमी का शुभ मौका है ।
मिल आता हूं । गूजर मोहल्ले में साथ साथ खेलते थे।  पता नहीं पहचानेगा या नहीं । सो पहुंच गया डरता झिझक्ता। 
 बेचारा सुदामा ।

तीस साल पहले की पढ़ाई और आज की पढ़ाई में दिन रात का फर्क था । हाई टेक शहर का कान्हा आज भी नटखट है । सातों युगों का इतिहास उठाकर देखो । कान्हा तो कान्हा ही रहेगा । रिझाने वाला , सताने वाला । बस बदलाव आया तो समय के हिसाब से सोच में , पहनावे में , ऊंच नीच , अमीरी गरीबी में । अब तो सात युगों के बाद माटी की खुशबू बिखर गई  कारों के काफिले के साथ , ऊंची ऊंची इमारतों की दीवारों और नींव में दब सी गई है । चकाचौंध रोशनी में अपने आप से दूर होते नौकरी और छोकरी के पीछे भागने वालों को खुशबू आए भी तो कहां से । कोरोना ने नाक पर मास्क की परत और चढ़ा दी । भाव शून्य व्यक्ति लिखे खुद समझे खुद ।

बड़े शहर में रहने वाले कृष्ण को छोटे शहर के छोटे कद पास सुदामा क्यों भाने लगा ।
ना फोन की घंटियां सुनी गई और न फोन उठाया गया । सुदामा समझ गया। अभी कृष्ण अवसाद में है । शायद #anxiety या फिर #splitpersonality 

सोचा था कृष्ण को सरप्राइज़ दूंगा । खुद कृष्ण लीला के आगे सुदामा आश्चर्यचकित हो गया । लेकिन गरीब के मुंह से दुआएं ही निकलती हैं । जो दे उसका भला जो ना दे उसका भी भला । सुदामा ने उसे भी दुआएं दी । जल्द स्वस्थ होने की मंगलकामना देता हुआ सुदामा उल्टे पांव अपने घर लौट आया । 

#अल्फ़ाज़_दिलसे

अंतर्राष्ट्रीय काव्य संगम संस्कार न्यूज 
#काव्यांजलि #कहानी #mentalhealth 
#विधा #rks_रचना_संग्रह_81

#अंतरराष्ट्रीय_साहित्य_परिषद #साहित्यउत्थानमंच #साहित्यनभ

#anxietysupport  
#yqbabaquotes #poetry 

#aestheticthoughts 
#liveandlovelifebylal

-Dr Lal Thadani
8005529714 / drlal2010@gmail.com

Saturday, August 21, 2021

धागों का त्यौहार / डॉ लाल थदानी


         शीर्षक : धागों का त्यौहार                                       (रक्षाबंधन)
********************
किसी दुआ से कम नहीं 
भाई बहन का प्यार
कितने भी लड़ झगड़ लें
अटूट बंधन का ये तार
विस्वास , आस्था , समर्पण
त्याग से रिश्ता सरोबार
मनाते रेशमी धागों का त्योहार

रक्षाबंधन बांधे सैनिकों को
ये देश के सच्चे पहरेदार
 दुश्मनों को राखी बांधकर
वीरांगनाऐं बनी रचनाकार
कृषक भले हो दीन दुखी
माटी का असली कर्जदार
मनाते रेशमी धागों का त्योहार

अमीर गरीब ऊंच नीच का
भाई बहिन मिटाए अंधकार
रोतें हैं एक दूजे के लिए
घर हो कोई एक बीमार
दुआओं के लिए हाथ 
मांगे खुशियों का संसार
मनाते रेशमी धागों का त्योहार
*********************
स्वरचित अप्रकाशित
डॉ लाल थदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे
21.8.2021 
8005529714
drlal2010@gmail.com

Tuesday, August 3, 2021

बड़ा पछताओगे दोस्तों / डॉ लाल थदानी


विषय : बड़ा पछताओगे दोस्तों
मौलिक स्वरचित
**************************
मेरी मानों अब तो सुधर जाओ दोस्तों
एक दिन हम सब सिधर जाएंगे दोस्तों
तुम फिर किससे बतियाओगे दोस्तों
ऐसा हुआ तो बड़ा पछताओगे दोस्तों।

कोई हंसी ठिठोली करने वाला ना होगा दोस्तों
तुम्हारे गम सुनने वाला  ना होगा दोस्तों
दुख सुख में कोई भी शामिल ना होगा दोस्तों
ऐसा हुआ तो बड़ा पछताओगे दोस्तों ।

मित्रता में मैंने तुम्हें हमेशा कृष्ण माना है दोस्तों
खुद को हमेशा गरीब सुदामा जाना है दोस्तों
बांसुरी संग मेरी सांसों की डोर नहीं बांधोगे दोस्तों
ऐसा हुआ तो बड़ा पछताओगे दोस्तों ।

जीवन नैया के होते हैं दो ही खिवैया
आहत हृदय में कान्हा का स्पर्श जैसे छैयां
टूटते रिश्तों से दोस्तों बैयां नहीं थामोगे
ऐसा हुआ तो बड़ा पछताओगे  ।
***********************************
डॉ लाल थदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे
02.08.2021

Wednesday, June 30, 2021

मैं डॉक्टर हूं भगवान नहीं / डॉ लाल थदानी


नमन मंच ❤️🎉
स्व रचित / मौलिक


1 जुलाई विश्व डॉक्टर दिवस और मेरी पत्नी
DrDeepa Thadani  के जन्म दिन पर  सादर समर्पित उन तमाम 1079 चिकित्सक  बंधु जो कोरोना में मरीजों की सेवा के दौरान शहीद हुए ।

***************************
मैं डॉक्टर हूं भगवान नहीं ,
मै किसी को भी स्वास्थ्य के अलावा
मैं दे भी क्या सकता हूँ 
कई बार उम्मीद छोड़ चुके मरीजों
को नव जीवन मिला तो भगवान हुआ
मगर अनेक मरीज तमाम
कोशिशों के बावजूद बचा नहीं पाए
परम पिता परमेश्वर के आगे
हताश नज़र आए
मैं डॉक्टर हूं भगवान नहीं इंसान हूं
मेरे पास देने के लिए है भी क्या
मेरी शख्सियत, मेरी अहमियत, मेरा वजूद
मेरा परिचय कुछ भी नहीं शून्य बस एक बूँद
फिर भी मैं नकारा नहीं और ना ही स्वार्थी
मैं बूँद अमर हो जाऊं जो मिले कोई स्वाति
मेरा गम मेरा अपना है मगर मेरी खुशी पराई
खाक-ए-शरीर बाद भी जिंदा रहूंगा मेरे भाई
मेरी कामना हर डॉक्टर की
कामना है मेरे भाई
******************************

#डॉलालथदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे
#liveandlovelifebylal
#WorldDoctorsDay
स्वरचित / मौलिक
8005529714
drlal2010@gmail.com



Saturday, June 26, 2021

Serve Ailing Humanity / Dr Lal Thadani


I do not know how long I will Live.
I am also aware of the fact that I must give best of myself for health n Happiness of Ailing Humanity & this is d only moment I have in my Hand. Whatever Happened in past is gone. Worrying n waisting your precious moment on past will ruin ur present. Ofcourse Future is never predictable. 
So Live n Love this particular moment. 
Love God n Love Yourself as you are the wonderful creation of God. Nobody else bear d Qualities and potentiality you have. So help people live out whatever wants or passions they desire

#drlalthadani / 8005529714
#LiveAndLoveLifeByLal 
#अल्फ़ाज़_दिलसे
drlal2010@gmail.com

Blog : 5 May 2012

Sunday, June 20, 2021

ज़ख्म अपनों से / डॉ लाल थदानी

आँखो में हैं कुछ अलग ही दास्ताँ
तिनके बिखरे जिनसे सजाया आशियां 
ज़ख्म अपनों से ज्यादा गहरे मिले
मलहम भी लगाएं तो कहां कहां
चहकना इसकी आदत में शुमार है
एकाकीपन में भी ढूंढती है खुशियां 
बहुत सोचा दर्द को कहानी में समेट लूं
अश्को बहा देते हैं अल्फ़ाज़ और सुर्खियां

#डॉलालथदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे
#LiveAndLoveLifeByLal
20.6.2021

Saturday, June 12, 2021

घर ढूंढता है मुझे / डॉ लाल थदानी



घर ढूंढता है मुझे और
उन ठहाकों को जो कभी
दादा दादी के साथ
आंगन में खेलते बच्चों के
सुनाई देते थे
आते जाते मेहमान देख
सभी दिल जान से खुश होते थे

घर ढूंढता है
घर के मुखिया को
विघटन के बाद
खो गए हैं दो कमरों में
चार दिशाओं में चार लोग
मोबाइल में जो खुशियां ढूंढते है
घर कम बेजान मकान नजर आते हैं

मौलिक स्वरचित
#डॉलालथदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे
#liveandlovelifebylal
8005529714
12.6.2021

Why Guilt Dear Patient / Dr Lal Thadani

Why I feel throatled
Why I feel responsible
for all sufferings in your life
Dear Patient
Why I am not able to
Come out of guilt
that I could have given
At least a smile and a hope
to you, your family and friends

#drlalthadani 
12.6.2021
#अल्फ़ाज़_दिलसे 
8005529714
#LiveAndLoveLifeByLal

Wednesday, June 9, 2021

Habits / Dr Lal Thadani

Habits are like
adopting and transforming 
total personality
in and out 
to achieve goal with
a positive end

#drlalthadani
#LiveAndLoveLifeByLal
#अल्फ़ाज़_दिलसे
8005529714

Monday, March 29, 2021

राजस्थान स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं / डॉ लाल थदानी


अपने पर्यटन स्थलों, सांस्कृतिक विरासत 
और अतिथि सत्कार के लिए दुनिया में मशहूर
राजस्थान स्थापना दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। 

रंगों और प्राकृतिक विविधताओं के लिए विख्यात कला, संस्कृति, उत्सव और वीरता के रंगों से रंगा राजस्थान अपनी स्थापना के #72वां गौरवशाली वर्ष पूर्ण करने का जश्न मना रहा है।

इंग्लैण्ड के विख्यात कवि रुड्यार्ड किप्लिंग ने लिखा था, “दुनिया में अगर कोई ऐसा स्थान है, जहां वीरों की हड्डियां मार्ग की धूल बनी हैं तो वह राजस्थान कहा जा सकता है।”

अद्भुत शौर्य, पराक्रम और गौरवशाली इतिहास की भूमि राजस्थान के #स्थापना_दिवस पर  सभी  #राजस्थान वासियों को हार्दिक बधाई 
एवं अनंत #शुभकामनाएं।

#डॉलालथदानी  #अजमेर 
वरिष्ठ #जनस्वास्थ्यविशेषज्ञ
#अल्फ़ाज़_दिलसे
8005529714 

Saturday, March 27, 2021

#Happy Rangoli Healthy Holi / Dr Lal Thadani

उमंग का रंग  खुशियों की पिचकारी 
भाईचारे से रंग दो ये दुनिया सारी 
अपना बस एक देश और एक बोली 
मुबारक हो आपको रंगों भरी #होली
**************************
#डॉलालथदानी #अजमेर 
#अल्फ़ाज़_दिलसे
राष्ट्रीय सिंधी समाज इन्दौर 
पूर्व अध्यक्ष
#राजस्थानसिन्धीअकादमी, #जयपुर
8005529714
27.03.2021
**************************
هوليء جون واڌايون سڀني منهنجن دوستن سرتين کي مٺا مٺا گهيهر به موڪليان ٿي
_________________________

#liveandlovelifebylal 
#Happy Rangoli 
Healthy #holi2021 

 https://www.facebook.com/545811152095990/posts/4226787567331645/?sfnsn=wiwspmo


Monday, March 22, 2021

Overcome Jealousy. Share happiness./ Dr Lal Thadani

Overcome Jealousy/Dr Lal Thadani
Share happiness.Live and Love Life.
 
Jealousy is a universal trait and
generally refers to the thoughts or feelings of insecurity, fear, and concern of losing someone you love or is in your possession .

Jealousy can consist of one or more emotions such as anger,resentment, inadequacy, helplessness or disgust. 

Jealousy is a disease. It is actually pain and apprehension a man feels that he is not equally beloved by the person whom he entirely love. It is outburst of feelings whenever he is worried about losing anything or anyone important to him . 

Jealousy is invariably a symptom of neurotic insecurity. It is an ongoing struggle. Don't react to bad or negative feelings. A little bit of jealousy is normal but when it starts affecting relationship negatively you know it's time to start doing something about it. Dont let jealousy consume you or hurt your relationship. Don't hold  your feelings.Communicate. Over come this self destructive emotion 

Ways to Let Go of or cope with 
Jealousy

Trace & find the source. ... 
Examine root of your feelings....
Voice your concerns. ... 
Talk to a trusted friend. ... 
Communicate
Get another opinion
Find another angle
Put a different spin on jealousy.... 
Consider the full & big picture.... 
Go deep
Know your worth
Be mindful
Be patient
Rethink your response
Practice gratitude for what you have.... 
Practice in-the-moment coping techniques.

Try therapy, Yoga and Meditation :
Just take some quiet time, get very relaxed and allow your body to feel those emotions physically. Feel the feeling of jealousy to maximum .  How is it reflecting in your body.  Is your gut tight for example? How about your chest ? This exercise has helped many tremendously, because it helps them to live with them when they come up, even if they wont go away.Just remember love is unconditional and healthy.

Love is the condition in which the happiness of another person is essential to your own.  Greater the love greater is jealousy. So Over- come Jealousy. Live n Love Life.
                                      
Rewritten :
Live and Love Life by Dr Lal Thadani at 10:49 AM, WEDNESDAY, JUNE 15, 2011.

Reference :
Janet Brito, Ph.D., LCSW, CST — Written by Crystal Raypole on October 31, 2019 :
Live and Love Life by Dr Lal Thadani at 10:49 AM, WEDNESDAY, JUNE 15, 2011.

#drlalthadani
Senior #PublicHealthExpert
#MedicoSocialReformer
8005529714
drlal2010@gmail.com

Tuesday, March 16, 2021

Live to give smile / Dr Lal Thadani


Live to give smile / Dr Lal Thadani
I do not know how long I will Live.
But for every moment I live. 
I must give best of myself for health & happiness of ailing Humanity. 
I know this is the only moment 
I have in my hand. Whatever happened in past is gone. Worrying n waisting our precious moment on past will ruin our present. Ofcourse Future is never Predictable. So Live n Love this particular moment. Love God n Love yourself as you are the wonderful creation of God. 
We all inherit unique  qualities n potentiality. Nobody else bear .
So help people with no motives except to serve ailing humanity. 
Live out whatever wants or passions they desire. 
Give smile to ailing humanity. 
Learn to live with smile . 
Live every moment. 
Live & Love Life.

Rewritten my Blog : 5 May 2012
#drlalthadani
#MedicoSocialReformer
Senior #PublicHealthExpert
#liveandlovelifebylal 
#अल्फ़ाज़_दिलसे 
#medicofriendssandeshsociety 
#publichealthprofessionalsforum 
#PublicHealthMatters

Monday, March 8, 2021

नारी तो बस नारी है / डॉ लाल थदानी

 नारी तो बस नारी है / डॉ लाल थदानी  

8 मार्च हर साल की तरह
फिर आज महिला दिवस है
सोशल मीडिया पर अच्छे लेख 
कविताएं पढ़ने को मिल रही है
सुबह से मैं मगर उधेड़बुन में हूं 
नारी पर क्या लिखूं क्या कहूं
सदियों से महिला पुरुष के 
समानता की बात करते हैं 
अपनी शान बघाड़ने में 
दिन रात करते हैं  
मंच पर लंबे चौड़े भाषण देते हैं 
और घर में भीगी बिल्ली बन जाते हैं
एक अच्छी तस्वीर मां, बहन, बेटी, बहू की 
हम भी अपलोड करते हैं
अच्छी-अच्छी चार लाइनें लिख देते हैं
महिला सशक्तिकरण पर सदन में
हमारे विचार भी शामिल किए गए 
पर क्या आज जिस रूप में 
हम नारी को देखते हैं 
बड़ी-बड़ी बातें लिखते हैं 
मुझे तो सदियों से नारी 
बस एक नारी ही दिखती है 
अपनें सपनों को भूल कर 
अपनों के सपने पूरा करने 
में आशाओं का सूरज लिए फिरती है ।

#डॉलालथदानी 
#अजमेर 
#अल्फ़ाज़_दिलसे
वरिष्ठ जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ
पूर्व अध्यक्ष 
#राजस्थानसिंधीअकादमी #जयपुर
08.03.2021  
8005529714
#महिलादिवस
#IWD2021
#InternationalWomensDay2021


Friday, March 5, 2021

लोकतंत्र / डॉ लाल .

                 लोकतंत्र
जनता का जनता द्वारा जनता के लिये 
किया जाने वाला शासन है लोकतंत्र

आज के वैश्विक लोकतांत्रिक परिदृश्य का 
एक ईमानदार आंकलन है लोकतंत्र

बेहतरीन जीवन और सुशासन पद्धति
को सुस्थापित करने का आह्वान है लोकतंत्र 

एकात्म राष्ट्र स्वरूप ,स्वस्थ चुनाव प्रणाली और  स्वतंत्रता का लोकतांत्रिक प्रावधान  है लोकतंत्र

हर मुल्क में है अलग अलग शासन व्यवस्था 
बुनियादी विभिन्नता का आवरण है लोकतंत्र 

हर मुल्क का इतिहास, पृष्ठभूमि परम्पराओं का
सामाजिक,आर्थिक ,सामयिक पर्यावरण है                           

अंतर्निहित अवधारणा पर कई मुल्क हुए नाकाम
अब जम्हूरियत का आवरण है लोकतंत्र 

न्यायपालिका , विधायिका , कार्यपालिका में 
हावी भृष्टाचार  और परिवारवाद 
प्रजातंत्र में भीड़ तंत्र का सहवरण है
लोकतंत्र

डॉ लाल थदानी, अजमेर 
#अल्फ़ाज़_दिलसे
05.03.2021  

Friday, February 26, 2021

#अल्फ़ाज़_दिलसे / डॉ लाल थदानी

#अल्फ़ाज़_दिलसे
मेरे मन तू कहता जा बात दिल से लिखता जाऊं 
तेरे उद्गारों पर अल्फा़ज़ दिल से लिखता जाऊं ।

अंतर पीड़ा से ही होता है काव्य का सृजन 
अनकही वेदना पर किताब दिल से लिखता जाऊं ।

जज़्बातों का समुंदर और उफनती लहरों की पीड़ा
शब्दों का बांध बन जज़्बात दिल से लिखता जाऊं ।

दिल के छालों पर मलहम लगाना आसान नहीं
शायरी बन श्याही से कागज़ दिल से लिखता जाऊं ।

डॉ लाल थदानी , उप अधीक्षक, ज.ला.ने.हॉस्पिटल, अजमेर ।
पूर्व अध्यक्ष, राजस्थान
सिंधी अकादमी, जयपुर ।

#अल्फ़ाज़_दिलसे
26.02.2021

 https://www.facebook.com/545811152095990/posts/4147865401890529/?sfnsn=wiwspmo

Saturday, February 20, 2021

सब गमगीन थे डॉ दत्ता की मौत पर मगर तालियां बजाना भी नहीं भूले उनकी उपलब्धियों पर / डॉ लाल थदानी

जो न दबाव में झुका न बीमारी से  टूटा 
अपनी शर्तों पर जिए डॉ बी एस दत्ता


*जे एल एन अस्पताल अजमेर में न्यूरो सर्जन डॉ बी एस दत्ता का हुआ निधन* प्रशासनिक अधिकारियों को बहुत बड़ी नसीहत दे गए डॉ बी एस दत्ता । वे वीआईपी कल्चर के हमेशा  विरुद्ध रहे । किसी के न दबाव में झुके न बीमारी से  टूटे मगर डॉ बी एस दत्ता अंतिम समय तक अपनी शर्तों पर जिए । वे कोरोना को तो जी गए । मगर कैंसर को नहीं जीत सके । पिछले कुछ दिनों से मेंदांता अस्पताल में उनका चल रहा था इलाज । 

मेदांता रेफर होने से पूर्व वे इमरजेंसी वार्ड में भर्ती रहे और मुझे उनका हालचाल पूछने का सौभाग्य मिला । बहुत कमजोर हो चले थे फिर भी वे मुस्कुराए और कहा जीत लेंगे बाजी हम तुम । पारिवारिक मित्र मोहन सोनी के जरिए कोरोना के दौरान डॉ दत्ता ने मेरा हाल चाल भी पूछा था । कोरोना उपचार के दौरान उनका एक वीडियो वायरल हुआ "मन  रे तू काहे न धीर धरे ।"। उनके और मेरे बच्चे साथ साथ अजमेर क्लब के तरणताल में तैरना सीखे थे ।  मिसेज दत्ता श्रीमती मनप्रीत कौर और मेरी श्रीमती डॉ दीपा थदानी रोज डॉ बीएस दत्ता उम्दा गायक भी थे । 

बहुत कम लोग जानते हैं की पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान उन्हें टी सीरीज की तरफ से मोहम्मद रफी के गीत गाने का निमंत्रण मिला । बहुत सोच विचारने के बाद उन्होंने वह ऑफर ठुकरा दी और कई बार बातचीत के दौरान उन्हें इस बात का मलाल भी रहा । वह ऑफर बाद में सोनू निगम को  मिला और वे सुप्रसिद्ध  गायक बने ।

प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उनके संबंध हमेशा टकराव भरे रहे । और यह बहुत बड़ी नसीहत भी है विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए जो गरीब मरीजों की लाइन छोड़कर उनके एक फोन पर उनके मिलने वाले मरीजों को वीआईपी ट्रीटमेंट देते हैं । ये नसीहत प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी है जो डॉ दत्ता जैसे व्यक्तित्व से टकराने का दंभ भरते हैं और अखबार की सुर्खियों के माध्यम से पता चलता है कि उन्हें मुंह की खानी पड़ी । 
उसी दौर में करीब 9 वर्ष पूर्व डॉ दत्ता ने बी आर एस की सरकार को अर्जी भिजवा दी और काफी समय तक वे चर्चा में रहे ।

वर्ष 2005 में डॉ दत्ता का जोधपुर तबादला कर दिया था। वहीं जोधपुर से अजमेर आए न्यूरोसर्जन डॉ निषिद भार्गव ने कॉलेज प्रशासन से मांग की थी कि उन्हें 24 घंटे एक रेजीडेंट डॉक्टर चाहिए। उन्हें नहीं दिया गया और वे रिजाइन कर चले गए। परिणामस्वरूप वार्ड बंद करने की नौबत आ गई। इसके बाद डॉ दत्ता को सप्ताह में तीन दिन जेएलएन अस्पताल की जिम्मेवारी सौंपी गई और शेष तीन दिन जयपुर से चिकित्सक को लगाया गया था। बाद में सरकार ने दो माह बाद डॉ. दत्ता का अजमेर तबादला कर दिया था। एक एम आई निरीक्षण 2015 के दौरान उन्हें उदयपुर भी भेजा गया । इस दौरान अस्पताल आने वाले सड़क हादसे के गंभीर रोगियों को जयपुर के एसएमएस अस्पताल रैफर किया जाने लगा था। जयपुर रैफर किए जाने वाले कई रोगियों की बीच रास्ते में मौत हो जाती थी। 

वरिष्ठ पत्रकार गिरधर तेजवानी ने 25 मई 2013 को अजमेर नामा में लेख लिखा की डॉ बीएस दत्ता की उपस्थिति और अनुपस्थिति हमेशा चर्चा का विषय रही । वे अनुशासन और सफाई प्रिय थे और नौकरी की तो कभी भी परवाह नहीं की । उनमें आत्मविश्वास इतना कूट-कूट कर भरा हुआ था कि वह चाहते तो 4 गुना अधिक दामों में किसी भी प्राइवेट अस्पताल में लग सकते थे ।

जाने माने पत्रकार रजनीश रोहिल्ला ने उनके लिए लिखा है कि *अदभुत थे डाॅक्टर दत्ता, गरीबों के भगवान थे* । डाॅ दत्ता अदभुत, विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। डाॅ दत्ता चिकित्सा विज्ञान के लिए वरदान थे । रोहिल्ला जी बताते हैं कि एक दिन डाॅ दत्ता ने सुबह ठीक 7 बजे न्यूरो वार्ड का उन्हें दौरा करवाया और पांच अचीवमेंट नोट करने  लायक थी । 
1.  वार्ड की सफाई सुबह 7 बजे से पहले हो जाती है।
2.  दूसरा कि मरीज और उनके रिश्तेदारों के जूतेचप्पल   वार्ड के बाहर ही उतारे जाते हैं। इसके साथ ही मरीजों  को पहनने के लिए वार्ड से ही चप्पल दी जाती है।
3.  मरीज के साथ केवल एक ही रिश्तेदार रह सकता है।
4.  चौथी मरीज और आवश्यक होने पर उसके परिजन       के  लिए दोनों समय का खाना और नाश्ता भी    
    उपलब्ध  कराया जाता है। 
5.  वार्ड में साउंड सिस्टम लगा दिया गया है। सुबह-         सुबह भजन और फिर दिन में कुछ मनोरंजन के लिए     गीत चलाएं जाते हैं। 
 
अनूमन आम धारणा रही है कि अजमेर और सरकारी  अस्पताल का नाम आते ही मरीज जे एल एन में भर्ती होने की अपेक्षा जयपुर रेफर करवाना पसंद करता है । न्यूरो सर्जरी में हमेशा गंभीर अवस्था में ही मरीज भर्ती होते हैं  । 
समाज सेवा में जुड़े रहने की वजह से मेरे पास भी ऐसे कई मरीज आए हैं और आते हैं और मुझे खुशी है कि जितने भी मेरे मिलने वालों के मरीज भर्ती हुए इक्का-दुक्का छोड़कर आज सभी स्वस्थ हैं ।  डॉ दत्ता का नाम आते ही मुझे मरीजों और उनके अभिभावकों की हौसला अफजाई करने में बिल्कुल भी देर नहीं लगती  थी कि न्यूरो सर्जरी में बाहर जाने की कतई आवश्यकता नहीं है । उन्होंने अपने जीवन में मस्तिष्क के कई जटिल ऑपरेशन करके सैंकडों लोगों की जिंदगीयां बचाई है । डॉ बीएस दत्ता के लिए कोई समय निश्चित नहीं था । आधी रात हो या सुबह तड़के । गंभीर मरीज को जिस समय जरूरत पड़ी डॉ दत्ता उपलब्ध रहे । एक सख्त चेहरे के पीछे मानवीय ह्रदय धड़कता था । 

आज उन सब के डॉ दत्ता की मृत्यु का समाचार मिलने पर फोन आए और मुझे यह श्रद्धांजलि लेख लिखने का अवसर दिया । 

आत्मविश्वास की जीती मिसाल रहे हैं डॉ  दत्ता और न्यूरों सर्जरी में उनका वरदहस्त रहा है । उनकी मृत्यु से चिकित्सा जगत में विशेषकर अजमेर जे एल एन  अस्पताल में उनके कार्यों और बातों को हमेशा याद रखा जाएगा और माननीय चिकित्सा मंत्री के लिए अब दुविधा भी रहेगी कि जयपुर में 14 न्यूरोसर्जन में से किसको अजमेर  भेजते हैं और क्या आने वाला न्यूरो सर्जन  डॉ दत्ता जैसी ऊंचाइयां छू पाएंगे ।

डॉ दत्ता के लिए मुझे परवीन शाकिर का शेर याद आ रहा है

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा
आँख हैरान है क्या शख़्स ज़माने से उठा

शत शत नमन और सादर प्रणाम ।। 
सब गमगीन थे उन की मौत पर 
मगर तालियां बजाना भी नहीं भूले 
उनकी उपलब्धियों पर

डॉ लाल थदानी 
वरिष्ठ जनस्वास्थ्य विशेषज्ञ,  
उप अधीक्षक,
जवाहरलाल नेहरू हॉस्पिटल, अजमेर ।
8005529714


Saturday, February 6, 2021

Thursday, January 28, 2021

मैं, मेरा बेटा और मेरे पिता / डॉ लाल थदानी


मैं,  मेरा बेटा और  मेरे पिता    
तीन पीढ़ियां, तीन अनुभव, तीन परंपराएं
किस में ज्यादा, किस से कम, गुण कैसे बताएं
सात पीढ़ियों तक याद आएंगे सबको मेरे पिता

कैसे कह दूं मैंने पिता से बढ़कर संस्कार दिया  
कैसे मान लूं  मैंने पिता के बराबर प्यार दिया 
अद्भुत व्यक्तित्व के धनी, मधुमास हैं मेरे पिता
मेरी आस , मेरी सांस, मेरा विश्वास हैं मेरे पिता

क्या मैं मेरे पिता की तरह  मजबूत पूरा संसार हूं
क्या मैं अडिग वटवृक्ष , मेहनती , समझदार हूं
मैंने मेरे पिता से अच्छे बुरे की क्या कभी सलाह मानी
मैंने मेरे पुत्र के साथ बैठकर क्या कभी कोई चर्चा की

मेरे पिता ने मेरी बीमार मां की शिद्धत से बरसों सेवा की
आज जरा सा दुःख मुझे मायूस- विचलित कर जाता है
अक्सर सोचता हूं किस हाड़ मांस के बने थे मेरे पिता
टूट गया बंधन पर भूल ना पाया बिछड़न, जिन्दा हैं पिता

वो स्पर्श, आदर्शवाद, भीड़ में अलग पहचान थे मेरे पिता
परिवार को बांधने में सिद्धहस्त सबकी जान थे मेरे पिता
सभ्य सौम्य, सत्संग, सदाचार की प्रतिमूर्ति थे मेरे पिता आचार , सदभाव-व्यवहार की आपूर्ति थे मेरे पिता

मेरा स्वाभिमान है मेरा गौरव मेरे पिता
मेरा अभिमान है मेरा बेटा जो कल होगा पिता
अब मेरी पहचान है मेरा बेटा मेरे पिता
बस मैं, मेरा बेटा और  मेरे पिता    

डॉ लाल थदानी, अजमेर ।
#अल्फ़ाज़_दिलसे
28.1.2021




Tuesday, January 26, 2021

72 वाँ गणतंत्र दिवस समारोह / डॉ लाल थदानी

देश 72वां रिपब्लिक डे मना रहा है। राजपथ पर रिपब्लिक डे परेड हुई। इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। दो बातें खास रहीं। पहली- बांग्लादेश की टुकड़ी ने पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया। दूसरी- भारतीय वायुसेना का राफेल फाइटर जेट भी पहली बार इस परेड का हिस्सा बना। हालांकि, कोरोना के चलते इस बार परेड की सूरत बदली-बदली नजर आई। 55 साल में पहली बार ऐसा हुआ जब रिपब्लिक डे परेड में कोई चीफ गेस्ट शामिल नहीं हुआ। इससे पहले भारत में 1952, 1953 और 1966 में भी गणतंत्र दिवस परेड में कोई चीफ गेस्ट शामिल नहीं हुआ था।

झलकियां

भारतीय वायुसेना का दम: रिपब्लिक डे परेड में वायसेना ने त्रिनेत्र फॉर्मेशन बनाया। इसे त्रिशूल फॉर्मेशन भी कहा जाता है। इसमें एक राफेल जेट फाइटर भी शामिल हुआ। राफेल की पहली खेप पिछले साल ही इंडियन एयरफोर्स को मिली है।

डॉ लाल थदानी

Sunday, January 17, 2021

शहर के वाशिंदों ने निगल लिये गांव / डॉ लाल थदानी

शहर के वाशिंदों ने निगल लिये गांव

हरी भरी वसुंधरा नीला आसमां 
उबड़ खाबड़ पगडंडी खेत  खलिहान
बैलों के घुंगरुओं की झनकार पर
गुनगुनाते हल चलाते किसान 
लोक गीतों पर थिरके छोरी के पांव
नाचते गाते मोर , चहचहाते पंछी, 
सांझ वेला लौटे अपनी ठांव
शहर के वाशिंदों ने निगल लिये गांव ।

रंग बिरंगे घर, रंगोली और द्वार
सावन की बदली घनघोर फुआर
सरलता, निश्छलता ,अपनापन, प्यार
कबड्डी, सतोलिया  के लिए मान मनुआर 
बच्चों की अठखेलियां कभी इनकार
बड़ों की डांट डपट , लाड़ दुलार
गीली मिट्टी पर फिसलते नंगे पांव 
शहर के वाशिंदों ने निगल लिये गांव ।

सुबह सिंदूरी, मुर्गे की बांग 
लस्सी, गुड़ ,  लसन प्याज
बाजरे की रोटी का स्वाद
मंगल गीत , ढोलक की धाप
शादी ब्याह का होता आग़ाज़
रंग बिरंगे लिबास में पूरा गांव
चौसर , चिलम, चौपाल पर लगते दांव
शहर के वाशिंदों ने निगल लिये गांव ।

बढ़ती जनसंख्या से 
रोजगार की तलाश में
शहर की चकाचौंध में 
आधुनिकता,आपाधापी में 
औद्योगिकरण , अतिक्रमण, अंधी दौड़ में
भटक गया भोला ग्रामीण किसान  
छूटा सबका गांव, पीपल की ठंडी छांव
शहर के वाशिंदों ने निगल लिया गांव ।

डॉ लाल थदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे

बड़े ही हर्ष का विषय है कि मेरी 16वीं काव्य रचना अमर उजाला में प्रकाशित हुई है ।               
इस काव्य रचना के साथ-साथ पूर्व की रचनाएं विभिन्न साहित्य मंच पर भी प्रकाशित की गई हैं । 
कृपया अपने कमेंट के साथ शेयर करें।         

 16वीं.    शहर के वाशिंदों  ने निगल लिये गांव https://www.amarujala.com/kavya/mere-alfaz/drlal-thadani-shahar-ke-vashindon-ne-nigal-liye-gaaon

15वीं.     आओ मुकम्मल करें ख़्वाब https://www.amarujala.com/kavya/mere-alfaz/drlal-thadani-aao-mukammal-karein-khwaab                                     


डॉ लाल थदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे



Friday, January 15, 2021

Melodious Musical Heart OP Nayyar / Dr Lal Thadani

Today 16 Jan 2021 is OP Nayyar's 
92nd #BirthAnniversary today. 
Did you know that during the 50s, 
All India Radio banned most of his songs because the broadcaster considered them too "trendy." He was called the Rhythm King and his evergreen compositions include: ‘Babuji Dheere Chalna,’ 
'Aankhon Hi Aankhon Mein Ishara Ho Gaya,’ 'Jaane Kahan Mera Jigar Gaya Jee' and many more. What makes you sway to his music even today?

Compiled and forwarded
Dr Lal Thadani
8005529714

Monday, January 11, 2021

आओ मुकम्मल करें ख़्वाब / डॉ लाल थदानी

आओ मुकम्मल करें ख़्वाब

वो चांदनी रात
कहकर मुझे चाँद
अधूरी रह गई बात
छोड़ गए मेरा साथ
आओ मुकम्मल करें ख़्वाब

किस बात पर हुए नाराज़
मेरी कायना़त मेरे आफ़ताब
तकलीफ़ से गए बेहिसाब़
रिसने लगे हैं जज़्बात
आओ मुकम्मल करें ख़्वाब

पथरीली हुई आंख
अविरल बरसात
सूनी महफ़िलें आज
कब होगी मुलाक़ात
आओ मुकम्मल करें ख़्वाब

मेरी दुनिया तुम मेरे परवाज़
तुम नहीं किसे होश_ओ_हवास
बहके बहके से मेरे कदमात
टूट रही सांस अब दे दो साथ
आओ मुकम्मल करें ख़्वाब

मुझसे ही तुम्हारे जज़्बात
दिन रात तेरे ख़यालात
पल पल तुम्हारी याद ही याद
मेरी किताब मेरे अल्फ़ाज़
आओ मुकम्मल करें ख़्वाब

————✍🏻डॉ लाल थदानी

11.01.2021

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