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Sunday, July 17, 2022

जब मैं मेरी मां के गर्भ में था / डॉ लाल थदानी

मेरे जन्म दिन पर मिली अनगिनत
शुभकामनाओं के लिए मैं आप सब छोटे बड़े गुरुजनों का कृतज्ञ हूं जिनसे कुछ न कुछ सीखने को मिला है ।

*मेरे उद्गार : #अल्फ़ाज़_दिलसे*

जब मैं मेरी मां के गर्भ में था 
न मेरा कोई नाम था न पहचान थी
नामहीन, मोह , माया,  लोभ, द्वेष
किसी भी दांव पेंच से अनभिज्ञ था
मैं अपनी ही दुनिया में मग्न था
नग्न था मगर अलमस्त, प्रसन्न था 
शायद मैं स्वतंत्र था
जब मैं मेरी मां की कोख में था

जन्म के तुरंत बाद मैं रोया लोग हंसे 
बधाईयों के तांते लगे
मुझे क्या पता था हम फंसे
दिन भर हमें जितने  कपड़े पहनाए गए 
लोग अलग अलग नाम से पुकारते गए 
गोदियों के साथ जाति धर्म में बांटे गए 
हम बड़े होते गए रिश्तों से टूटते गए
 रोजी रोटी रिश्तो में उलझते चले गए
हम खुद में खुदा को  ढूंढते रह गए
मुझसे मेरी ही स्वतंत्रता छीन ले गए
हम अपने आप से बिछड़ते चले गए 

*डॉ लाल थदानी*
*अल्फ़ाज़_दिलसे*
*17. 07.2022*
*8005529714*

https://youtu.be/1hCyuYZy1WU

Tuesday, May 10, 2022

संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का निधन / डॉ लाल थदानी

संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का निधन    

संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का मंगलवार को मुंबई में कार्डियक अरेस्ट के चलते निधन हो गया है। पंडित शिव कुमार की उम्र 84 साल थी और वह किडनी सम्बन्धित बीमारी से जूझ रहे थे। वह पिछले छह महीने से डायलिसिस पर थे। 

पं. शिवकुमार शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1938 को जम्मू में हुआ था। उनके पिता पं. उमादत्त शर्मा भी जाने-माने गायक थे, संगीत उनके खून में ही था। पांच साल की उम्र में पं. शर्मा की संगीत शिक्षा शुरू हो गई। पिता ने उन्हें सुर साधना और तबला दोनों की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी थी। 13 साल की उम्र में उन्होंने संतूर सीखना शुरू किया। संतूर जम्मू-कश्मीर का लोक वाद्ययंत्र था, जिसे इंटरनेशनल फेम दिलाने का श्रेय पं. शिवकुमार को ही जाता है। 1955 में महज 17 साल की उम्र में पं. शिवकुमार शर्मा ने मुंबई में संतूर वादन का अपना पहला शो किया।

इसके बाद उन्होंने संतूर के तारों से दुनिया को संगीत की एक नई आवाज से वाकिफ कराया। क्लासिकल संगीत में उनका साथ देने आए बांसुरी वादक पं. हरिप्रसाद चौरसिया। दोनों ने 1967 से साथ में काम करना शुरू किया और शिव-हरि के नाम से जोड़ी बनाई। संतूरवादक पं. शिवकुमार शर्मा और बांसुरीवादक पं. हरिप्रसाद चौरसिया अपनी जुगलबंदी के लिए प्रसिद्ध थे। 1967 में पहली बार दोनों ने शिव-हरि के नाम से एक क्लासिकल एलबम तैयार किया। एलबम का नाम था 'कॉल ऑफ द वैली'।           

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने और प्रदेश राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत और इण्डिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसाइटी  ने उनके निधन पर शोक जताया है।        

संक:
डॉ लाल थदानी
#अल्फ़ाज़ दिलसे
संस्थापक इण्डिया इंटरनेशनल
म्यूजिक लवर्स सोसाइटी
8005529714


Monday, February 14, 2022

1.25 करोड़ के लिए MBBS डिग्री गिरवी रखी और पत्नी का इलाज कराया / डॉ लाल थदानी


पत्नी को मौत के मुंह से खींच लाया डॉक्टर पति:इलाज के 1.25 करोड़ के लिए MBBS डिग्री गिरवी रखी, बोला- 7 जन्म का वादा है, मरने कैसे देता

पाली
इस Valentine's Day पर आपको डॉक्टर सुरेश चौधरी और उनकी पत्नी की प्रेम कहानी जरूर पढ़नी चाहिए। पत्नी को मौत के मुंह से वापस लाने के लिए डॉक्टर ने अपनी नौकरी दांव पर लगा दी। इलाज के लिए MBBS की डिग्री गिरवी रखकर 70 लाख का लोन लिया। इलाज पर सवा करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हुए।

पाली के खैरवा गांव के 32 वर्षीय डॉक्टर सुरेश चौधरी पीएचसी में पोस्टेड हैं। पत्नी व 5 साल के बच्चे के साथ गांव में ही रहते हैं। मई 2021 में उनकी खुशहाल जिंदगी में भूचाल सा आ गया। कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी। उनकी पत्नी अनिता (अंजू) चौधरी को बुखार आया और 13 मई को रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ गई। तबीयत बेहद ज्यादा बिगड़ गई।

अंजू को बांगड़ हॉस्पिटल लेकर गए, लेकिन वहां बेड नहीं मिला। इसके बाद 14 मई को जोधपुर एम्स में भर्ती करवाया। दो दिन वहां रहने के बाद रिश्तेदार को पत्नी के पास छोड़ ड्यूटी पर आ गए, क्योंकि कोरोना पीक पर था और डॉक्टरों को छुट्‌टी नहीं मिल रही थी।

30 मई को जोधपुर एम्स में पत्नी से मिलने पहुंचे तो हालत और ज्यादा बिगड़ गई थी। वे छोटे वैंटिलेटर पर थीं और लंग्स 95 प्रतिशत तक खराब हो चुके थे। डाॅक्टरों ने बताया कि बचना मुश्किल है, लेकिन सुरेश ने हार नहीं मानी और पत्नी को अहमदाबाद ले गए। वहां 1 जून को प्राइवेट हॉस्पिटल जायड्स में भर्ती करवाया।

87 दिन ईसीएमओ मशीन पर रखा, रोज का खर्च 1 लाख से ज्यादा
अंजू वजन 50 किलो से गिरकर 30 किलो हो गया था। बॉडी में खून महज डेढ़ यूनिट बचा था। अंजू को ईसीएमओ मशीन पर लिया। इस मशीन के जरिए हार्ट व लंग्स बाहर से ऑपरेट होते हैं। यहां का रोजाना का खर्च एक लाख रुपए से ज्यादा था। सुरेश कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे थे, लेकिन उनका एक ही मकसद था...पत्नी की जान बचाना।

आखिर ईश्वर ने इनकी सुनी और पूरे 87 दिन इस मशीन पर रहने के बाद अनिता के लंग्स में सुधार हुआ और वे फिर से बोलने लगीं। कुछ ही दिनों में उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।


पत्नी के इलाज के लिए ऐसे जुटाए सवा करोड़ रुपए
- 70 लाख एमबीबीएस की डिग्री गिरवी रख बैंक से लोन लिया।
- 10 लाख सेविंग थी।
- 20 लाख साथी डॉक्टर्स व स्टॉफ ने अभियान चलाकर उन्हें दिए।
- 15 लाख में खारड़ा गांव में प्लॉट बेचा
- शेष राशि रिश्तेदारों से ली।
(डॉक्टर की सैलरी करीब 90 हजार है और लोन की किश्त 01 लाख 16 हजार आ रही है। उन्हें करीब 4 साल तक लोन चुकाना है।)

2012 में हुई थी शादी
डॉक्टर सुरेश चौधरी की 25 अप्रेल 2012 को बाली की अनिता(अंजू) चौधरी से शादी हुई। साल 2013 में जोधपुर से एमबीबीएस पूरा किया। चार जुलाई 2016 को बेटे कूंज चौधरी का जन्म हुआ। अंजू हाऊस वाइफ हैं। उन्होंने M.A किया है।

पति की जिद के कारण इस दुनिया में हूं
अंजू कहती हैं मैं जिंदा हूं तो सिर्फ पति की जिद ओर जुनून के कारण। वहीं सुरेश का कहना है कि सात जन्म तक साथ निभाने का वादा किया है। यूं आंखों के सामने कैसे मरने देता। पैसे तो और कमा लूंगा, लेकिन अंजू को कुछ हो जाता तो शायद मैं भी जिंदा नहीं रहता।

डॉ लाल थदानी 
वरिष्ठ #जनस्वास्थ्यविशेषज्ञ
#अल्फ़ाज़_दिलसे
अध्यक्ष इंडियन मेडिकल एसोसिएशन
(सर्विस डॉक्टर्स विंग)
8005529714
drlal2020@gmail.com

Saturday, February 5, 2022

है अजर अमर लता मंगेशकर/ डॉ लाल थदानी

ये कैसा मौसम ले आया तू बसंत 
हमारी कोकिल कंठ लीन हुई अनंत 
सबके सांसों की सांस में रची बसी सब कहन
लता मंगेशकर का  हुआ दुखद निधन 
दादा फालके से पुरुस्कृत है भारत रत्न 
राष्ट्रीय सम्मान से गौरवान्वित हमारी लता बहिन
आंखों में हैं आसूं गीत लता के लबों पर   
अजर अमर है स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर 
जिसके गीतों से जग सारा रहेगा सदा रोशन 
सजदे लता के नाम से हमारा अहले वतन
ये सारा वतन करे अर्पित श्रद्धा सुमन
ज़िंदा हैं हम तुझसे "लता" शत शत नमन

डॉ लाल थदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे
06.02.2022

Sunday, January 23, 2022

मेरी डायरी / डॉ लाल थदानी

मेरी डायरी जानती है
मेरे जीवन के उतार चढ़ाव
मेरी व्यक्तिगत सोच, अनुभव,  
और जन हित भावनाऐं,
रिश्तों के तिलस्मी बाजार में
पल पल बनते बिगड़ते 
बिकते सम्पर्क-संबंध , 
मेरी शक्ति और दुर्बलताऐं ,
समस्त जीवन का
लेखा-जोखा ,विश्लेषण 
क्रिया-प्रतिक्रियाऐं  
न कोई रिश्ते बुनता न गिनाता
काश मैं कुछ कर पाता
अल्फ़ाज़_दिलसे आओ
नए सिरे से समझाएं
एक नया संसार बनाएं

डॉ लाल थदानी   
#अल्फ़ाज़_दिलसे
23.1.2022
#LiveAndLoveLifeBYLal