You will be redirected to my new site in

seconds
If Redirect Dosen't Work Click Here

Tuesday, June 30, 2020

Doctor's Day :. 1st JulyWho is a Doctor / Dr Lal Thadani(Tribute to Doctors and Nursing Staff)

Doctor's Day :. 1st July
Who is a Doctor / Dr Lal Thadani
(Tribute to Doctors and Nursing Staff)

A Doctor is one 
who understand the human body , 
treat a disease not a person
It's not Simply a Profession 
It's Life Long Commitment 
With full Dedication & Passion, 
Without any discrimination
Above all administration
A Doctor is one 
Who lose everyone in 
Materialistic world
Without any fear of outcome
But gains everything 
Leave a true asset behind
A Doctor is one 
Who listen patiently to patient
Who has a healing touch to ill
In Covid19 and many epidemics
Who has given his life 
To save life of others
A Doctor is one 
Who is actually A Corona Warrior
But fighting against False warriors
Is Succumbed to
Corona Spreaders
Corona Carriers
Alias Corona Couriers
And Violence even if
Patients are negligent

A Doctor is one 
Still facing Litigations
Allegations
Humiliation 
Non Co-operation
Still ready to serve
Beyond any horizon
Sacrificing his Life
Children, Parents and wife
A Doctor is one  
Truely a Saviour
Nevertheless Doubtless 
Truely a God on earth
Dr Lal Thadani
Joint Director (Tr.)
DMHS, Jaipur
#PublicHealthProfessionalsForum
#drlalthadani
drlal2010@gmail.com
8005529714

#RipCoronaWarriors 
Who is a Doctor / Dr Lal Thadani
(Tribute to Doctors and Nursing Staff)

Please Don't take #CoronaVirusPandemic lightly . 
Tooo many Drs  Succumbed to # Covid19 . 

#LiveAndLoveLife 
#MotivationalBlog 

#राजस्थानसतर्कहै 
#निरोगीराजस्थान 
#स्वस्थ राजस्थान




Sunday, June 28, 2020

 
गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा के इतिहास और सभ्यता विभाग द्वारा "मध्यकाल के विभिन्न आयाम ; ऐतिहासिक परिपेक्ष्य" विषय पर 5 दिवसीय एक्सपर्ट लेक्चर सीरीज का सफलता पूर्वक आयोजन हुआ । 

वेबिनार एक्सपर्ट सिरीज़ के समापन दिवस पर सेशन में वर्तमान और पूर्व कुलपतियों, गणमान्य विशिष्ट और प्रबुद्ध विध्वान शामिल हुए । राजस्थान सरकार स्वास्थ्य निदेशालय में वरिष्ठ जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ और संयुक्त निदेशक डॉ लाल थदानी ने आयोजको के अनुरोध पर संसाधनक विशेषज्ञ (रिसोर्स पर्सन) के रूप में " कोविद 19 महामारी/बचाव में अव्वल राजस्थान सरकार " विषय पर सारगर्भित व्याख्यान दिया ।

डॉ लाल थदानी ने बताया कि केंद्र सरकार ने 10 राज्यों द्वारा कोरोना की रोकथाम के लिए किए कार्यों का अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत की है । पूरे देश में 36 लाख टेस्ट हुए हैं और सिर्फ राजस्थान में 5 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं।  इस रिपोर्ट में कम एक्टिव केसेज, रिकवर केसेज, कम मृत्यु दर सहित कोरोना की रोकथाम के सभी क्षेत्रों में राजस्थान नंबर वन पर है । आज भी होम, इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन सेंटर, कोविड केयर सेंटर, कोविड डेडिकेटेड अस्पताल संस्थागत क्वारंटीन सुविधा आदि व्यवस्थाओ से  संक्रमितों की तादात को रोकने के सतत प्रयास जारी है। उपस्थित विद्वानों ने उस समय करतल ध्वनि से स्वागत किया जब डॉ थदानी ने जानकारी दी कि अब तक 11 लाख से अधिक लोग अहमदाबाद, सूरत, मुंबई जैसे देश के अन्य संक्रमित हिस्सों से गावों में आए लेकिन संक्रमण उतना नहीं फैल पाया ।
प्रदेश के यशास्वी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा के अथक प्रयासों से अत्तिरिक्त स्वास्थ्य सचिव रोहित सिंह और निदेशक डॉ के के शर्मा के निर्देशन पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ग्राम, उपखंड और जिला स्तर पर माइक्रो प्लानिंग की है । निरोगी राजस्थान मुख्यमंत्री का सपना है। इसके अंतर्गत प्रदेश में 550 मोबाइल ओपीडी वैन चलाई गई । आमजन को घर बैठे आनलाइन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ई-संजीवनी पोर्टल शुरू किया। जहां हजारों लोग सीधे या ई-मित्र के जरिए परामर्श व उपचार ले चुके हैं। राजस्थान में अब 40 हजार से ज्यादा राजस्व गांवों से एक महिला और एक पुरुष को स्वास्थ्य मित्र बनाएंगे और वे प्रदेश में स्वाास्थ्य की अलख जगाने में मददगार साबित होंगे। 
इससे पूर्व प्रथम दिन प्रो गिरीश माथुर ( पूर्व विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग,जे आर एन यूनिवर्सिटी उदयपुर ) ने " मेवाड़ की प्रतिरक्षा नीति" विषय पर एक्सपर्ट लेक्चर दिया।दूसरे दिन माननीय कुलपति, जेआरएन यूनिवर्सिटी उदयपुर, प्रो. एस एस सारंग देवोत " ने "वैश्विक महामारी से मानव बचाव" जैसे प्रासंगिक विषय पर एक्सपर्ट लेक्चर से प्रतिभागियों को अनु ग्रहित किया। तीसरे दिन माननीय कुलपति MPUAT डॉ एनएस राठौर ने " शिक्षा/भूत वर्तमान भविष्य" विषय पर सारगर्भित, प्रेरक प्रदत्त व्याख्यान से प्रतिभागियों को लाभान्वित किया । 
चौथे दिन डॉ महावीर प्रसाद जैन( लेखक प्रमुख, केंद्रीय कार्य कारिणी , अखिल भारतीय इतिहास संकलन संमिति ) ने अनछुए से विषय"नक्शबंधी सिलसिला" पर अपनी रिसर्च आधारित व्याख्यान दिया। एक्सपर्ट लेक्चर सीरीज के अंतिम दिन डॉ 
बी पी भटनागर (कन्वेनर उदयपुर इकाई  इंटैक ) 
ने "भारतीय विरासत औऱ संरक्षण "विषय पर एक्सपर्ट लेक्चर दिया और प्रतिभागियों के साथ इन्टरैक्टिव सत्र में विरासत संरक्षक जैसे महत्व पूर्ण कार्य की क्रियान्विती  को लेकर सार्थक वार्ता की। एक्सपर्ट लेक्चर सीरीज में  देश और विदेश से 3000 से अधिक प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन कराया और  सफल भागीदारी निभाई । प्रतिभागियो की संख्या ज्यादा होने से फेसबुक और यूट्यूब पर भी वेबिनार का समानांतर सेशन रखा गया ।


Happy Anniversary & Blessed Life

Wishing Happy Anniversary
And Blessed Life
Sh Rohit Kumar Singh ( Senior IAS )
&  Mam Nina Singh ( Senior IPS )
Success, Health , Positivity
Peace of Mind
To A Great Motivator
And Planner who believe
And inspire that
Hard Work + Dream + 
Dedication = Success. ...

Just because you fail once 
doesnt mean you are going to 
fail at everything.

#LiveAndLoveLife 
#MotivationalBlog 
#drlalthadani
drlal2010@gmail.com
8005529714

#राजस्थानसतर्कहै 
#निरोगीराजस्थान 
#स्वस्थ राजस्थान

Saturday, June 20, 2020

Mobile Addiction : Global Problem

Mobile Addiction : Global Problem

1. Dr Deepa Thadani, Professor HOD 
   Biochemistry,JLNMed.College,Ajmr 2. Dr LalThadani,Jt.Director,DMHS,Jp

In today’s fast-moving and globalised world it is almost impossible to imagine our day-to-day life without mobile-phones & today’s world is a world of technology and inventions.

Mobile phones play an important role in the development of human civilization, but their excessive use brings severe problems.

According to the U.N. Telecom agency, there were almost 6 billion cell phone users in the world, with almost 86 gadgets for every 100 people.

It is reported, that people who talk on the phone for several hours a
day are 50% more likely to develop brain cancer. The reason for this is the radio waves produced by
mobile phones. It is calculated, that every minute the human brain receives about 220 electro magnetic impulses. Recent studies report two types of brain cancer may occur – glioma and acoustic
neuroma.

Apart from cancer risk, mobile phones influence our nervous system. They may cause headaches, decreased attention, shortness of temper, sleep disorders and depression, mostly among teenagers. Radio waves are not the only reason for such symptoms.

Adolescence is not an easy period of life, and at that time a young person is especially vulnerable. Addiction interfere with work, school, and relationships, the real world seems to fade in comparison with hours-long chats and hundreds of messages.

These aspects cause psychological problems, as people start to feel uncomfortable in face-to-face communication.

There is certain risk for pregnant women and their children.

So it's strongly recommended to reduce usage of cell phones.


Smart Phones Addiction :
References :

1. National Cancer Institute.
Effects of using mobile phones too much 4 (n.d.). Cell Phones and Cancer Risk.
Retrieved from
http://www.cancer.gov/cancertopics/factsheet/Risk/cellphones

2. International Telecommunication Union. (2011). The world in 2011. ICT Facts and Figures.
Retrieved from http://www.itu.int/ITU-D/ict/facts/2011/material/ICTFactsFigures2011.pdf
Federov, O. (2008, August 2).

3. Excessive use of cell phone may cause depression and distraction.
Retrieved from http://mobiledevice.ru/Sahlgren-Academy-Gaby-Badre-Mobile-Phone-doklad- issledovanie-dep.aspx
Invitro. (2009, November 9).

4. Excessive Use of Mobile Phones Leads to Four Types of Cancer.
Retrieved from http://www.invitro.ua/doctors/science/2009/11/6123

#MedicoFriendsSandeshSociety
#LiveAndLoveLife
#MotivationalBlog
#drlalthadani
#CoronaOutbreakPandamic.
Only MD /Diploma #PSM Join
#PublicHealthProfessionalsForum
drlal2010@gmail.com
8005529714




Wednesday, June 17, 2020

कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का कारण है प्रकृति का अंधाधुंध दोहन और बिगड़ता पर्यावरण / डॉ लाल थदानी

कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का कारण है प्रकृति का अंधाधुंध दोहन और बिगड़ता पर्यावरण / डॉ लाल थदानी 


दुनिया भर में विश्‍व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया जाता है। इस बार यह ऐसे में समय में मनाया जा रहा है जब सारी दुनिया कोरोना वायरस नामक वैश्विक महामारी का सामना कर रही है। 

विश्व पर्यावरण दिवस 2020 की थीम है -
 'प्रकृति के लिए समय (Time For Nature)। 
यानि अपने लिए लिए सोचें , अपने लिए समय निकालें । हमारे इर्द गिर्द पेड़ पौधे , पक्षी , जीव जंतु , वनस्पति , खेत , पहाड़ , जंगल और जानवर सब के लिए सोचें । उनके सरंक्षण संवर्द्धन के लिए संकल्पित प्रयास करें ।   पृथ्वी और मानव विकास पर आवश्यक बुनियादी ढांचे में प्रकृति का क्या रोल है इसमें ध्यान केंद्रित करना प्रमुख उद्देश्य है । यकीनन कोरोना संक्रमण काल में प्रकृति का मधुरिम दृश्य भले ही क्षणिक राहत वाला हो, परंतु क्या तब पर्यावरण की यही स्थिति भविष्य में भी बरकरार रह पाएगी ? क्योंकि सभी देशों के लिए विकास की रफ्तार को तेज करना न केवल आवश्यक होगा, बल्कि मजबूरी भी होगी, तब क्या ऐसे कदम उठाए जाएंगे जो प्रकृति को बिना क्षति पहुंचाए सतत विकास की ओर अग्रसर हो सकेंगे।

यह प्रकृति की व्यवस्था है कि पृथ्वी अपना संतुलन खुद बनाती है मगर बढ़ती जनसंख्या , शहरी करण  आधुनिक जीवन शैली , वैज्ञानिक प्रगति , रासायनिक पदार्थों के अत्यधिक उपयोग  की वजह से पर्यावरण संतुलन बिगड़ता जा रहा है और हम प्रदूषित जीवन जीने के लिए मजबूर हैं । 

पृथ्वी पर भूकम्प, बाढ़ , सुनामी , अतिवृष्टि ,सूखा , लू अकाल, प्राकृतिक आपदा का कारण भी मानव  खुद है । वैश्विक बीमारी या महामारी इसी की परिणीति है । अगर हमें स्वस्थ जीवन जीना है तो हमें प्राकृतिक संपदा का संतुलित उपयोग करना है । प्रकृति का दोहन नहीं करना है ।

 लॉकडाउन के कारण प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आई, पर्यावरण स्वच्छ हो गया , वसुंधरा  एक बार फिर से हरी-भरी हो गयी है । नीला गगन दागरहित साफ़ दिखने लगा है । नदियों का जल बिल्कुल साफ हो गया जिसके बारे में शायद हम कल्पना भी नहीं कर सकते थे।  हम चाहे तो यह हर एक चीज बिना लॉकडाउन के भी संभव है। निजी , सामुदायिक और पर्यावरण स्वच्छता से काफ़ी समस्याओं का समाधान ख़ुद ब ख़ुद ही जाएगा ।

 वाहनों की आवाजाही और उद्योगों से निकला काला धुंआ जहां हवा को प्रदूषित करता है वहीं गंदा पानी नदियों में मिल जाता है जिसके कारण जल भी दूषित हो जाता है। अगर हम थोड़ा सा इस खूबसूरत प्रकृति को समझे और उसे महत्व दें तो आने वाले समय भी हमें प्रदूषण मुक्त हवा और पानी मिलेगा। बिना प्रकृति के हमारा जीवन ही असंभव है इसलिए इससे ताल बैठाना बहुत ही जरूरी है। 

कोरोना वायरस और कोविद 19 की दहशत अभी ख़त्म नहीं हुई है । सरकार ने 60 दिन इस तरह की महामारी से निपटने के तौर तरीकों को प्यार से , कानूनी रूप से सिखाया है , बताया है । पूर्वजों के उपचार , दादी माँ के नुस्खे , परिवार ही जीवन है , स्वयं डॉक्टर नहीं बने , सोशल डिस्टनसिंग , निजी स्वच्छ्ता , आचार , विचार , व्यवहार , आहार , योगा आज भी उतने ही प्रासंगिक है जितना पूर्वजों में । 

इनकी जरा सी अनदेखी और चूक से आप बीमारी को निमंत्रण देंगे । कोरोना में लापरवाही से आज केस और मृत्यु दर निरन्तर भयावह स्थिति में है ।
सरकार ने आमजन को अपना बेहतरीन दिया है । और आमजन के लिए एक ही संदेश है बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है ।

निश्चित रूप से कोरोना रूपी दैत्य से डरकर नहीं अब उसके संग रहकर ही डटकर मुकाबला किया जा सकता है । इतिहास गवाह है प्रकृति हो या मानव जीवन । कमज़ोर कड़ी ने ही बीमारी अथवा महामारी  को जन्म दिया है ।

पॉलिथीन का इस्तेमाल बिल्कुल ना करें। 
उसकी जगह कपड़े की थैली का इस्तेमाल करें। बिजली का उपयोग कम से कम करें। 
फ्रिज और AC जैसे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले साधनों का इस्तेमाल कम से कम करें। 
कचरा और मास्क खुले में न फेंके 
पानी बचाएं। 
इधर-उधर ना थूकें। 
अपने साथ-साथ दूसरों की भी सेहत का ख्याल रखें। 
पशु पक्षियों का ख्याल रखें। 

इन्हीं बहुत छोटी बातों का पालन करेंगे तो पर्यावरण स्वस्थ रहेगा और हमारी आने वाली पीढ़ी भी स्वस्थ रहेंगी।

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लें ताकि आने वाली पीढ़ियों को सुखद एवं सुरक्षित भविष्य मिल सके।
प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर चलना और पर्यावरण संरक्षण हमारी संस्कृति का हिस्सा है। भारतीय संस्कृति में प्रकृति पूजन की मान्यता है। यहां पेड़ों की तुलना संतान से की गई है और नदियों को मां स्वरूपा माना गया है। 

प्राकृतिक संसांधनों के सीमित दोहन के साथ ही अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर हम पर्यावरण रूपी इस अमूल्य धरोहर को बचा कर रख सकते हैं।

अशोक गहलोत 
मुख्यमंत्री 
राजस्थान सरकार जयपुर ।

लेखक :
डॉ लाल थदानी, MD PSM
वरिष्ठ जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ


हम चाहें तो यह हर एक चीज बिना लॉकडाउन के भी संभव है..., 
प्रकृति के अंधाधुंध दोहन से बिगड़ता है पर्यावरण - डॉ लाल थदानी, वरिष्ठ जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ

खबरों में बीकानेर 🎤 🌐 
https://bahubhashi.blogspot.com/2020/06/blog-post_302.html

प्रकृति के अंधाधुंध दोहन से बिगड़ता है पर्यावरण - Ajmernama https://ajmernama.com/guest-writer/342558/#.XuUU_tPEkBQ.whatsapp

#LiveAndLoveLife 
#MotivationalBlog 
#drlalthadani
drlal2010@gmail.com
8005529714

#राजस्थानसतर्कहै 
#निरोगीराजस्थान 
#स्वस्थ राजस्थान 

नोट : संपादक बंधु , उपरोक्त लेख आप
अपने ब्लॉग अथवा समाचार पत्र में देने के लिए स्वतंत्र है । कृपया लिंक या प्रति भेजकर अनुग्रहित करें ।

Tuesday, June 16, 2020

डा अजय अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में कई दिग्गज मीडियाकर्मी पर मानहानि का मुकदमा जीता ।

 डा अजय अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में कई दिग्गज मीडियाकर्मी पर मानहानि का मुकदमा जीता ।


कुछ समय पहले तक नोएडा जिला अस्पताल के सीएमएस  डा अजय अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट  में कुल नौ लोगों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा जीत लिया है । इनके नाम हैं सरदीप सरदसाई, राघव बहल, आशुतोष, जमशेद खान, नीति टंडन, संजय राय चौधरी, अरुणोदय मुखर्जी, हर्ष चावला, समीर मनचंदा। 

दिल्ली हाईकोर्ट में चले इस मुकदमें (Case No. CS (OS) 21/2017) में फैसला बीते मई माह की 27 तारीख को आया।अदालत ने कहा कि इन आरोपियों पर माहानि का मामला बनता है।ज्ञात हो कि डाक्टर अजय अग्रवाल के खिलाफ वर्ष 2006 के जुलाई महीने में तत्कालीन आईबीएन7 चैनल (अब नेटवर्क18इंडिया) पर एक झूठा स्टिंग चलाया गया जिसमें आरोप लगाया गया कि डाक्टर अजय अग्रवाल अस्पताल में भर्ती गरीब लोगों की टांग काटकर उन्हें भिखारी बना देते हैं और इस तरह वे भिखारी बनाने वाले रैकेट के हिस्से होकर काफी पैसे कमा रहे हैं. डाक्टर अजय अग्रवाल तब गाजियाबाद के सीएमओ हुआ करते थे.ये पूरा स्टिंग ही साजिश, झूठ और नकारात्मक कल्पनाशीलता का कमाल था. बताया जाता है स्टिंगबाज जमशेद खान अपनी निजी खुन्नस निकालने और उगाही-ब्लैकमेलिंग में सफल न हो पाने की कुंठा में डाक्टर अजय अग्रवाल का शिकार किया और फर्जी खबर तैयार कर आईबीएन7 चैनल के वरिष्ठों के पास भेज दिया. वरिष्ठों ने भी बिना दिमाग अप्लाई किए इस स्टिंग को बेहद प्रमुखता से चला दिया. एक ईमानदार डाक्टर का जीवन व करियर देखते देखते तबाह हो गया. डाक्टर अजय और उनके परिवार का जीवन दांव पर लग गया. लोग इनके घर पर पत्थर मारने-फेंकने लगे. कई किस्म की विभागीय जांच बैठी. हर जांच में डाक्टर अजय अग्रवाल बाइज्जत बरी हुए डाक्टर अजय अग्रवाल ने मीडिया के इस घिनौने रूप को देखकर बुरी तरह डर चुके थे उन्होंने एक रोज कसम खाकर तय किया कि जिन जिन मीडिया वालों ने उन पर झूठे आरोप लगाकर खबर चलाने का काम किया है, उन्हें सबक सिखाएंगे और सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे.डाक्टर अजय अग्रवाल वाकई सुप्रीम कोर्ट तक गए. वे डेढ़ दशक तक कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाते रहे. अपना केस खुद तैयार करते रहे, लड़ते रहे।वो कहा जाता है न,भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं.पावरफुल मीडिया वालों ने इन मुकदमों से बचने के लिए हर संभव कोशिश की, हर तिकड़म का इस्तेमाल किया. पर ये डाक्टर अजय अग्रवाल के चंगुल से बच न सके.उपरोक्त सभी नौ प्राणी पहले तो कोर्ट नहीं जाते थे. नोटिस पर नोटिस आता रहा लेकिन ये कोर्ट जाने से परहेज करते रहे. आखिरकार कोर्ट को गैर-जमानती वारंट निकालना पड़ा. तब जाकर इन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया. सभी को जमानत मिली और ये सभी आज भी जमानत पर ही बाहर हैं. ये लोग सुप्रीम कोर्ट तक गए कि उनके खिलाफ केस न चलाया जाए. पर सुप्रीम कोर्ट ने डाक्टर अजय अग्रवाल के पक्ष को सुनने के बाद इन नौ मीडियाकर्मियों को गाजियाबाद कोर्ट में सरेंडर करने को कहा.सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इन सभी नौ लोगों को निर्देशित किया कि गलत खबर चलाने का खंडन लगातार तीन दिन तक चैनल पर दिखाएं. इस आदेश के खिलाफ ये मीडिया वाले दिल्ली हाईकोर्ट (WP C 3480/2008) गए. जनवरी 2016 में हाईकोर्ट का फैसला आया कि स्टिंग फर्जी और मनगढ़ंत था.इस आदेश के बाद डाक्टर अजय अग्रवाल ने सभी 9 मीडियाकर्मियों पर मानहानि का केस दायर कर दिया जिसका फैसला बीते मई माह की 27 तारीख को आया. उपरोक्त सभी को मानहानि का दोषी पाया गया है.*

*साभार: Bhadas4midea*

#डॉलालथदानी
#PublicHealthProfessionalsForum
#LiveAndLoveLife
#MotivationalBlog
8005529714
drlal2010@gmail.com

Wednesday, June 10, 2020

Love & Jealousy : Brighter & Darker Shades / Dr Lal Thadani

Love & Jealousy : Brighter & Darker Shades / Dr Lal Thadani



https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=3370826206261123&id=545811152095990

Love is healthy but hatrednous & jealousy is a disease . Greater the love greater the jealousy. Anything in extreme is always disastrous. 
Love is the condition in which the happiness of another person is always very essential and of utmost importance to ur own .                                                              
Jealousy is that pain which a man 
feels from the apprehension that he is not equally beloved by the person whom he entirely love . It is invariably a symptom of neurotic insecurity. 
Jealousy is a fear of losing someone you love and you believe most. Where there is love, there is jealousy and insecurity. 

Jealousy is an intense emotion that ruins your relationship and life. It is an ongoing struggle which ultimately consume you and hurt your relationship .  A little bit of jealousy is normal but when it starts affecting your relationship negatively you know it’s time to start doing something about it. 

Communicate your feelings, don’t hold it inside. Don’t react to bad feelings. Overcome this self-destructive emotion n refuse to act on jealousy.  Just take some quiet time, get very relaxed, n allow ur body to feel those emotions physically. Feel the feeling of jealousy to its maximum .
How is it reflecting in your body.  
Is your gut tight for example ? 
How about your chest? Take deep breadth and relax your body and mind.

This exercise has helped me tremendously, because it helps me 
live with them when they come up, even if they wont go away. You have control in your hand . Chose what you want. Brighter or darker shades in your life .

Just overcome Jealousy . Love God , Love yourself . Love unconditionally your family and fellow beings . 
Just chill, Live n Love Life . 

Dr Lal Thadani (MD Psm)
Public Health Expert ,
Medico Social Reformer,
Webinar Resource Person,
Blogger, Motivational Speaker

#LiveAndLoveLife 
#MotivationalBlog 
#drlalthadani 

8005529714
drlal2010@gmail.com
#PublicHealthProfessionalsForum 

( Earlier blog 15 jun 2011 )