You will be redirected to my new site in

seconds
If Redirect Dosen't Work Click Here

Thursday, January 28, 2021

मैं, मेरा बेटा और मेरे पिता / डॉ लाल थदानी


मैं,  मेरा बेटा और  मेरे पिता    
तीन पीढ़ियां, तीन अनुभव, तीन परंपराएं
किस में ज्यादा, किस से कम, गुण कैसे बताएं
सात पीढ़ियों तक याद आएंगे सबको मेरे पिता

कैसे कह दूं मैंने पिता से बढ़कर संस्कार दिया  
कैसे मान लूं  मैंने पिता के बराबर प्यार दिया 
अद्भुत व्यक्तित्व के धनी, मधुमास हैं मेरे पिता
मेरी आस , मेरी सांस, मेरा विश्वास हैं मेरे पिता

क्या मैं मेरे पिता की तरह  मजबूत पूरा संसार हूं
क्या मैं अडिग वटवृक्ष , मेहनती , समझदार हूं
मैंने मेरे पिता से अच्छे बुरे की क्या कभी सलाह मानी
मैंने मेरे पुत्र के साथ बैठकर क्या कभी कोई चर्चा की

मेरे पिता ने मेरी बीमार मां की शिद्धत से बरसों सेवा की
आज जरा सा दुःख मुझे मायूस- विचलित कर जाता है
अक्सर सोचता हूं किस हाड़ मांस के बने थे मेरे पिता
टूट गया बंधन पर भूल ना पाया बिछड़न, जिन्दा हैं पिता

वो स्पर्श, आदर्शवाद, भीड़ में अलग पहचान थे मेरे पिता
परिवार को बांधने में सिद्धहस्त सबकी जान थे मेरे पिता
सभ्य सौम्य, सत्संग, सदाचार की प्रतिमूर्ति थे मेरे पिता आचार , सदभाव-व्यवहार की आपूर्ति थे मेरे पिता

मेरा स्वाभिमान है मेरा गौरव मेरे पिता
मेरा अभिमान है मेरा बेटा जो कल होगा पिता
अब मेरी पहचान है मेरा बेटा मेरे पिता
बस मैं, मेरा बेटा और  मेरे पिता    

डॉ लाल थदानी, अजमेर ।
#अल्फ़ाज़_दिलसे
28.1.2021




Tuesday, January 26, 2021

72 वाँ गणतंत्र दिवस समारोह / डॉ लाल थदानी

देश 72वां रिपब्लिक डे मना रहा है। राजपथ पर रिपब्लिक डे परेड हुई। इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। दो बातें खास रहीं। पहली- बांग्लादेश की टुकड़ी ने पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया। दूसरी- भारतीय वायुसेना का राफेल फाइटर जेट भी पहली बार इस परेड का हिस्सा बना। हालांकि, कोरोना के चलते इस बार परेड की सूरत बदली-बदली नजर आई। 55 साल में पहली बार ऐसा हुआ जब रिपब्लिक डे परेड में कोई चीफ गेस्ट शामिल नहीं हुआ। इससे पहले भारत में 1952, 1953 और 1966 में भी गणतंत्र दिवस परेड में कोई चीफ गेस्ट शामिल नहीं हुआ था।

झलकियां

भारतीय वायुसेना का दम: रिपब्लिक डे परेड में वायसेना ने त्रिनेत्र फॉर्मेशन बनाया। इसे त्रिशूल फॉर्मेशन भी कहा जाता है। इसमें एक राफेल जेट फाइटर भी शामिल हुआ। राफेल की पहली खेप पिछले साल ही इंडियन एयरफोर्स को मिली है।

डॉ लाल थदानी

Sunday, January 17, 2021

शहर के वाशिंदों ने निगल लिये गांव / डॉ लाल थदानी

शहर के वाशिंदों ने निगल लिये गांव

हरी भरी वसुंधरा नीला आसमां 
उबड़ खाबड़ पगडंडी खेत  खलिहान
बैलों के घुंगरुओं की झनकार पर
गुनगुनाते हल चलाते किसान 
लोक गीतों पर थिरके छोरी के पांव
नाचते गाते मोर , चहचहाते पंछी, 
सांझ वेला लौटे अपनी ठांव
शहर के वाशिंदों ने निगल लिये गांव ।

रंग बिरंगे घर, रंगोली और द्वार
सावन की बदली घनघोर फुआर
सरलता, निश्छलता ,अपनापन, प्यार
कबड्डी, सतोलिया  के लिए मान मनुआर 
बच्चों की अठखेलियां कभी इनकार
बड़ों की डांट डपट , लाड़ दुलार
गीली मिट्टी पर फिसलते नंगे पांव 
शहर के वाशिंदों ने निगल लिये गांव ।

सुबह सिंदूरी, मुर्गे की बांग 
लस्सी, गुड़ ,  लसन प्याज
बाजरे की रोटी का स्वाद
मंगल गीत , ढोलक की धाप
शादी ब्याह का होता आग़ाज़
रंग बिरंगे लिबास में पूरा गांव
चौसर , चिलम, चौपाल पर लगते दांव
शहर के वाशिंदों ने निगल लिये गांव ।

बढ़ती जनसंख्या से 
रोजगार की तलाश में
शहर की चकाचौंध में 
आधुनिकता,आपाधापी में 
औद्योगिकरण , अतिक्रमण, अंधी दौड़ में
भटक गया भोला ग्रामीण किसान  
छूटा सबका गांव, पीपल की ठंडी छांव
शहर के वाशिंदों ने निगल लिया गांव ।

डॉ लाल थदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे

बड़े ही हर्ष का विषय है कि मेरी 16वीं काव्य रचना अमर उजाला में प्रकाशित हुई है ।               
इस काव्य रचना के साथ-साथ पूर्व की रचनाएं विभिन्न साहित्य मंच पर भी प्रकाशित की गई हैं । 
कृपया अपने कमेंट के साथ शेयर करें।         

 16वीं.    शहर के वाशिंदों  ने निगल लिये गांव https://www.amarujala.com/kavya/mere-alfaz/drlal-thadani-shahar-ke-vashindon-ne-nigal-liye-gaaon

15वीं.     आओ मुकम्मल करें ख़्वाब https://www.amarujala.com/kavya/mere-alfaz/drlal-thadani-aao-mukammal-karein-khwaab                                     


डॉ लाल थदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे



Friday, January 15, 2021

Melodious Musical Heart OP Nayyar / Dr Lal Thadani

Today 16 Jan 2021 is OP Nayyar's 
92nd #BirthAnniversary today. 
Did you know that during the 50s, 
All India Radio banned most of his songs because the broadcaster considered them too "trendy." He was called the Rhythm King and his evergreen compositions include: ‘Babuji Dheere Chalna,’ 
'Aankhon Hi Aankhon Mein Ishara Ho Gaya,’ 'Jaane Kahan Mera Jigar Gaya Jee' and many more. What makes you sway to his music even today?

Compiled and forwarded
Dr Lal Thadani
8005529714

Monday, January 11, 2021

आओ मुकम्मल करें ख़्वाब / डॉ लाल थदानी

आओ मुकम्मल करें ख़्वाब

वो चांदनी रात
कहकर मुझे चाँद
अधूरी रह गई बात
छोड़ गए मेरा साथ
आओ मुकम्मल करें ख़्वाब

किस बात पर हुए नाराज़
मेरी कायना़त मेरे आफ़ताब
तकलीफ़ से गए बेहिसाब़
रिसने लगे हैं जज़्बात
आओ मुकम्मल करें ख़्वाब

पथरीली हुई आंख
अविरल बरसात
सूनी महफ़िलें आज
कब होगी मुलाक़ात
आओ मुकम्मल करें ख़्वाब

मेरी दुनिया तुम मेरे परवाज़
तुम नहीं किसे होश_ओ_हवास
बहके बहके से मेरे कदमात
टूट रही सांस अब दे दो साथ
आओ मुकम्मल करें ख़्वाब

मुझसे ही तुम्हारे जज़्बात
दिन रात तेरे ख़यालात
पल पल तुम्हारी याद ही याद
मेरी किताब मेरे अल्फ़ाज़
आओ मुकम्मल करें ख़्वाब

————✍🏻डॉ लाल थदानी

11.01.2021

#अल्फ़ाज़_दिलसे, #drlalthadani, #हिंदीउपन्यास, #हिन्दीसाहित्यकहानियां, #हिंदीकाव्यकोश, #काव्यसंसार, #कहानी, #अनुपमहिन्दीसाहित्य, #कविता, #हिन्दी, #VishwaSahityaParishad