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Tuesday, November 14, 2017

विश्व मधुमेह दिवस, 14 नवम्बर

विश्व मधुमेह दिवस :डॉ दीपा डॉ लाल थदानी(World Diabetes Day)
www.drlalthadani.in
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Live Healthy (Dr.Lal)

विश्व मधुमेह दिवस, 14 नवम्बर
विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) हर साल विश्वभर में 14 नवम्बर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मधुमेह (Diabetes) रोग के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना है ताकि समय रहते इसके लक्षणों का पता कर उचित उपचार किया जा सके।

विश्व मधुमेह दिवस का इतिहास (History of World Diabetes Day)
1. पहली बार विश्व मधुमेह दिवस का आयोजन, विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) और अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ (International Diabetes Federation) द्वारा सन 1991 में 14 नवम्बर के दिन किया गया था।

2. विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day), 14 नवम्बर को इंसुलिन की खोज करने वाले वैज्ञानिक फ्रेडरिक का जन्म हुआ था।

मधुमेह क्या है (What is Diabetes)

खून में ग्लूकोज (शर्करा) का स्तर निर्धारित सीमा से अधिक होता है, तो ऐसी स्थिति को मधुमेह रोग कहते हैं। दरअसल मधुमेह या डायबिटीज, जीवनशैली या वंशानुगत बीमारी है, जो शरीर में पैंक्रियाज ग्रंथियों (Pancreas Glands) के निष्क्रिय होने पर रोगी को प्रभावित करती है।  
पैंक्रियाज यानि अग्न्याशय ग्रंथियों के निष्क्रिय होने पर इंसुलिन (रक्त में शर्करा की मात्रा को संतुलित करने वाला हार्मोन) बनाना बंद हो जाता है।

इसके साथ ही कोलेस्ट्रॉल और वसा (Fat) भी असामान्य हो जाते हैं, जिस कारण वाहिकाओं में बदलाव होता है और आंखों, गुर्दे, दिमाग, दिल आदि संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

मधुमेह (शुगर) मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है

टाइप-1 मधुमेह (Type 1 Diabetes ):
यह मुख्य रूप से बचपन से युवावस्था (14 -25 उम्र) में होती है! यह मुख्य रूप से पैनक्रियास के बीटा में इन्फेक्शन के कारण होती है जिससे इन्सुलिन को उत्पन नहीं किया जा सकता! आम तौर पर इसके रोगी नियमित रूप से बाहर से इन्सुलिन शरीर में लेते हैं!

टाइप-2 मधुमेह (Type 2 Diabetes ):
यह मुख्य रूप से वयस्कों में होती है और इसमें शरीर सही रूप से इन्सुलिन का उपयोग नहीं कर पाता!

मधुमेह का सामान्य स्तर (Normal Level of Diabetes)
खून में शर्करा (शुगर) का सामान्य स्तर निम्न प्रकार है:
भूखे पेट (व्रत के दौरान) 100 मिग्रा से कम होना चाहिए।
खाना खाने से पहले 70 से 130 मिग्रा के बीच होना चाहिए।
खाना खाने के बाद रक्त में ग्लूकोज की मात्रा 180 मिग्रा से कम होनी चाहिए।
सोते समय खून में शर्करा की सामान्य मात्रा 100 से 140 मिग्रा होती है।

ये 10 लक्षण बताएंगे कहीं आप भी तो डायबिटीज के शिकार नहीं!

क्या हैं डायबिटीज के लक्षण:-

बार-बार वॉशरूम जाना-
डायबिटीज पेशेंट के लिए खाना पचाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है जिसके चलते मरीज को बार-बार वॉशरूम जाना पड़ता है।

ज्यादा पानी पीना-
बार बार वॉशरूम जाने के बाद शरीर में पानी की कमी हो जाएगी जिसके बाद प्यास लगेगी। ऐसे में कुछ लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए जूस, सोडा, चॉकलेट मिल्क आदि चीजें खाते पीते रहते हैं। शुगर से बनी और पैक्ड इन चीजों को लेने से मरीज की परेशानी और बढ़ जाती है।

वजन घटना-
वजन ज्यादा होना डायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है वहीं वजन कम होना भी डायबिटीज होने का एक संकेत हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार वजन कम होने के दो कारण हो सकते हैं, पहला बार-बार वॉशरूम जाना और दूसरा ब्लड में मौजूद कैलोरी को अवजॉर्ब ना कर पाना।

अचानक कमजोरी महसूस होना और भूख लगना-
डायबिटीज के मरीज अचानक कमजोरी महसूस करने लगते हैं। जब पेशंट को हाई ब्लड शुगर होता है तो शरीर ग्लूकोज को मैनेज करने में परेशानी होती है।

हमेशा थकान रहना-
काम करने के दौरान या बाद में थकान होना आम बात है लेकिन हमेशा थकान बनी रहती है तो यह संकेत है कि आपको अपनी सेहत पर ध्यान देने और चेकअप करवाने की जरूरत है। टाइप-2 डायबिटीज में मरीज का शुगर लेवल कुछ समय के लिए बढ़ जाता है। तो इसके लक्षण धीरे-धीरे नजर आते हैं।

मूडी और गुस्सैल होना-
ब्लड में शुगर लेवल के ठीक ना होने पर मरीज अक्सर मूडी हो जाता है और उसे जल्दी गुस्सा आने लगता है। डायबिटीज के पेशेंट के लक्षण, डिप्रेशन के पेशेंट के लक्षण जैसे ही लगते हैं। मरीज का बाहर जाने का मन नहीं करता, कुछ करने का मन नहीं करता, केवल सोने का मन करता है।

ठीक से ना देख पाना-
डायबिटीज के शुरुआती स्टेज में ठीक तरह से देखने में दिक्कत होती है। लेकिन ऐसा नहीं है कि इससे आंखों की रौशनी के खत्म होने का डर है। 6 से 8 हफ्ते के बाद ब्लड शुगर के स्थिर होने पर आंखों से ठीक दिखने लगता है।

किसी भी चोट या जख्म का धीरे ठीक होना- अगर शरीर पर लगी कोई भी चोट देर में ठीक होती है तो अपनी जांच जरूर करवाएं, ये डायबिटीज का संकेत हो सकता है।

पैरों में झनझनाहट होना-
डायबिटीज के कारण पैरों में झनझनाहट महसूस होने लगती है।

इंफेक्शन का जल्द ठीक ना होना-
शरीर में ग्लूकोज की कमी के कारण, बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी कम हो जाती है जिसके कारण स्किन इंफेक्शन के साथ और कई तरह के इंफेक्शन भी हो जाते हों जल्दी ठीक नहीं होते।

अन्य लक्षण
थकान, कमजोरी, पैरों में दर्द, क्योंकि ग्लूकोज ऊर्जा में परिवर्तित नहीं हो पाता।
पैर का घाव ठीक न होना या गैंग्रीन का रूप ले लेना।
अधिक पेशाब और भूख लगना।
वजन कम होना।
बार- बार चश्मे का नंबर बदलना।
जननांगों में खुजली और संक्रमण होना।
दिल या मानसिक समस्याएं।

मधुमेह की जांच के निदान (Diagnosis for Diabetes)
मधुमेह की जांच के लिए कई परिक्षण किए जाते हैं, जो निम्न लिखित हैं:

बेनेडिक्ट टेस्ट (Benedict Test)

ग्लूकोज ऑक्सीडेज टेस्ट (Glucose Oxidase Test)

खाली पेट रक्तशर्करा की जाँच (Sugar Level)

ग्लूकोज टोलरेंस टेस्ट (Glucose Tolerance Test)

भारत मे मधुमेह की समस्या (Diabetes in India)
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, डायबिटीज यानि मधुमेह एशिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है, जिसका प्रभाव सबसे अधिक भारत में देखा गया है। अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह फेडरेशन के मुताबिक, भारत में लगभग में 6.5 करोड़ वयस्क डायबिटीज और 7.7 करोड़ लोग प्री डायबिटीज की समस्या से पीड़ित हैं।

मौजूदा स्थिति को देखते हुए कई स्वास्थ्य संगठनों ने यह अनुमान लगाया है, कि भारत में साल 2030 तक मधुमेह से पीड़ितों की संख्या लगभग 10 करोड़ और 2035 तक 10.9 करोड़ तक पहुंच सकती है।

भारत की मेटाबोलिक सर्जरी फाउंडेशन (Indian Metabolic Surgery Foundation Report) द्वारा, बरिएट्रिक सर्जरी से मधुमेह का उपचार किया गया है, जिससे 2011 में लगभग 3500 और 2013 10,000 पीड़ितों का इलाज किया गया था।

आहार के साथ जरूरी सा‍वधानियां (Precautions with Diet in Diabetes)बचाव ही उपचार है

नियमित शुगर स्‍तर की जांच कराए।
किसी भी तरह के घाव को खुला ना छोड़ें।
फलों का रस लेने के बजाय, फल खायें।
व्यायाम करें और अपना वजन नियंत्रित रखें।
योग भी डायबिटीज के रोगियों के लिए अच्‍छा है।

अभी तक डायबिटीज का कोई भी ठोस इलाज नहीं है, लेकिन इसके खतरों से बचने के लिए आहार में सावधानी बरतने और नियमित रूप से व्‍यायाम करने की जरूरत है।
मधुमेह की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए उचित विकल्प और दृढ़ संकल्प बहुत ही जरूरी है। इसके अतिरिक्त रक्त में ग्लूकोज की मात्रा की नियमित जांच, व्यायाम, देखभाल, नियमित जीवनशैली भी मधुमेह की समस्या को दूर करने में सहायक है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

Thursday, November 9, 2017

Delhi after pollution

Look what I shared: Odd-even rule back in Delhi after pollution hits record levels @MIUI| http://en.newsdogshare.com/a/article/5a0457e612313a00a33ff4e0/?company=android:xiaomi&source=offline