Tuesday, October 22, 2019
Tuesday, October 8, 2019
इस कर्णप्रिय गीत में श्री कृष्ण भगवान के 108 नाम के अलावा और कुछ नहीं है ।
1) ऊँ श्री अनन्ताय नम:
2) ऊँ श्री आत्मवते नम:
3) ऊँ श्री अद्भुताय नम:
4) ऊँ श्री अव्यक्ताय नम:
5) ऊँ श्री अनिरुद्ध पितामहाय नम:
6) ऊँ श्री आत्मज्ञान निधये नम:
7) ऊँ श्री आद्यपते नम:
8) ऊँ श्री कालिन्दी पतये नम:
9) ऊँ श्री कंसारये नम:
10) ऊँ श्री कुब्जावकृत्य निमेवित्रे नम:
11) ऊँ श्री कालिय मर्दनाय नम:
12) ऊँ श्री कृष्णाय नम:
13) ऊँ श्री क्रियामूर्तये नम:
14) ऊँ श्री कालरूपाय नम:
15) ऊँ श्री किरीटिने नम:
16) ऊँ श्री गोपालाय नम:
17) ऊँ श्री गोप गोपी मुद्रावहाय नम:
18) ऊँ श्री गोपी गीत गुणोदयाय नम:
19) ऊँ श्री श्यामाय नम:
20) ऊँ श्री गोपी सौभाग्य सम्भवाय नम:
21) ऊँ श्री चतुर्भुजाय नम:
22) ऊँ श्री गीतानमित पादपाय नम:
23) ऊँ श्री गोपस्त्री वस्त्रदाय नम:
24) ऊँ श्री गोवर्धन धराय नम:
25) ऊँ श्री ज्ञानयज्ञ प्रियाये नम:
26) ऊँ श्री चाणूर हत्रें नम:
27) ऊँ श्री गुरुपुत्रे प्रदाय नम:
28) ऊँ श्री जरासन्ध मदापहाय नम:
29) ऊँ श्री गरूड़ वाहनाय नम:
30) ऊँ श्री कर्ण विभेदनाय नम:
31) ऊँ श्री पार्थप्रतीज्ञा पालकाय नम:
32) ऊँ श्री भीमसेन जय प्रदाय नम:
33) ऊँ श्री भीषणम बुद्धि प्रदाय नम:
34) ऊँ श्री परीक्षित प्राण रक्षणाय नम:
35) ऊँ श्री विपक्ष पक्ष क्षय कृते नम:
36) ऊँ श्री भीष्म शल्य व्यथापहाय नम:
37) ऊँ श्री प्रधुम्न जनकाय नम:
38) ऊँ श्री भद्राभर्त्रे नम:
39) ऊँ श्री नरकासुर विच्छेत्रे नम:
40) ऊँ श्री जाम्बन्ती प्रियाय नम:
41) ऊँ श्री बाणासुर पुरी रोद्रध्रे नम:
42) ऊँ श्री मुचुकुन्द वर प्रदाय नम:
43) ऊँ श्री तृणावर्तासुर ध्वासिने नम:
44) ऊँ श्री त्रयीमूर्तये नम:
45) ऊँ श्री तापत्रय निवारणाय नम:
46) ऊँ श्री मित्रविन्दा नेत्र महोत्सवाय नम:
47) ऊँ श्री दानव मुक्तिदाय नम:
48) ऊँ श्री दधिमन्थ घटी त्रेत्त्रे नम:
49) ऊँ श्री देवदेवाय नम:
50) ऊँ श्री देवकी नन्दनाय नम:
51) ऊँ श्री द्वारकापुर कल्पनाय नम:
52) ऊँ श्री नाना क्रीडा परिच्छदाय नम:
53) ऊँ श्री नवनीत महाचोराय नम:
54) ऊँ श्री नन्दगोपोत्सव स्फूर्तये नम:
55) ऊँ श्री भक्तिगम्याय नम:
56) ऊँ श्री पीतवाससे नम:
57) ऊँ श्री पूतना स्तन पीड़नाय नम:
58) ऊँ श्री परम पावनाय नम:
59) ऊँ श्री प्रकृतये नम:
60) ऊँ श्री बकासुर ग्राहिणे नम:
61) ऊँ श्री बलिने नम:
62) ऊँ श्री बालाय नम:
63) ऊँ श्री मुकुन्दाय नम:
64) ऊँ श्री महामंगलदायककाय नम:
65) ऊँ श्री विराट पुरुष विग्रहाय नम:
66) ऊँ श्री वेणूवादन तत्पराय नम:
67) ऊँ श्री परमानन्दनाय नम:
68) ऊँ श्री मुनिज्ञान प्रदाय नम:
69) ऊँ श्री मयदानव मोहनाय नम:
70) ऊँ श्री पांचाली मान रक्षणाय नम:
71) ऊँ श्री दन्तवक्त्र निवर्हणाय नम:
72) ऊँ श्री राधाप्रेम सल्लापनि वृताय नम:
73) ऊँ श्री रूक्मणी जानये नम:
74) ऊँ श्री पार्थ सार्थ्य निरताय नम:
75) ऊँ श्री पद्मा स्थिताय नम:
76) ऊँ श्री पुराणाय नम:
77) ऊँ श्री लक्ष्मणा बल्लभाय नम:
78) ऊँ श्री तीर्थ पावनाय नम:
79) ऊँ श्री योगज्ञान नियोजकाय नम:
80) ऊँ श्री लीलाक्षाय नम:
81) ऊँ श्री स्तुति सन्तुष्ट मानसाय नम:
82) ऊँ श्री वल्लभाय नम:
83) ऊँ श्री वसुदेव सुताय नम:
84) ऊँ श्री वत्सलक्ष्मपक्षसे नम:
85) ऊँ श्री व्यापिने नम:
86) ऊँ श्री विश्वविमोहनाय नम:
87) ऊँ श्री वृन्दावन प्रियाय नम:
88) ऊँ श्री पौण्डूक प्राण हराय नम:
89) ऊँ श्री यशोदास्तन्य मुदिताय नम:
90) ऊँ श्री यमलार्जुन भन्जाय नम:
91) ऊँ श्री यादवाय नम:
92) ऊँ श्री यमुना तट सच्चारिणे नम:
93) ऊँ श्री शोरये नम:
94) ऊँ श्री शेषशायिने नम:
95) ऊँ श्री सुखवासाय नम:
96) ऊँ श्री शंख चक्र गदा पद्मम पाणये नम:
97) ऊँ श्री शकटासुर भंजनाय नम:
98) ऊँ श्री सर्वदेवाय नम:
99) ऊँ श्री सुनन्द सुह्रदये नम:
100) ऊँ श्री श्री सर्वेश्वराय नम:
101) ऊँ श्री शंख चूड़शिरोहराय नम:
102) ऊँ श्री सत्राजित रत्न वाचकाय नम:
103) ऊँ श्री सत्यभामा प्रियाय नम:
104) ऊँ श्री षोदश स्त्री सहत्रेशाय नम:
105) ऊँ श्री षड़विशंकाय नम:
106) ऊँ श्री साम्ब जनकाय नम:
107) ऊँ श्री विदुरातिथ्य सन्तुष्टाय नम:
108) ऊँ श्री ब्रह्मवृक्ष वरच्छायासीनाय नम:
डॉ लाल थदानी
पूर्व अध्यक्ष राजस्थान सिन्धी अकादमी जयपुर ।