कहीं दूर से पायल की
छम छम आवाज़ आई
सुर ने संगीत से कहा
ताल संभालने मैं आई
कहती रही चिंता मत करो
तुम हवा मैं पुरवाई
यहां जान पर बन आई
झंकार दी नहीं सुनाई
सुर ताल गीत सरगम
बिन अभ्यास मत छेड़ो भाई
न अध्यात्म मिला उसे
और न योग साधना पाई
सुर बेसुर तान छेड़ी
जिसे जैसी समझ आई
न सुरों का संजोग बना
न वो सरगम नज़र आई
डॉ लाल थदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे
10.10.2024
8005529714