फिजियोथेरेपी- एक वैकल्पिक पद्धति । क्यों और कब
डॉ लाल थदानी www.drlalthadani.in
उप मुख्य चिकित्सा} एवं स्वास्थ्य अधिकारी}
https://youtu.be/UgtXfObjrEU
अधिकांश लोग फिजियोथेरेपी को ‘एक और’ वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति से ज्यादा महत्व नहीं देते। कुछ इसके दायरे को मसाज तक सीमित कर देते हैं, तो कुछ इसे खेल के दौरान लगने वाली चोट को ठीक करने के लिए उपयोगी मानते हैं। पर फिजियोथेरेपी की उपयोगिता इससे कहीं ज्यादा है। अगर दवा, इंजेक्शन और ऑपरेशन के बिना दर्द से राहत पाना चाहते हैं तो फिजियोथेरेपी के बारे में सोचना चाहिए।
सिखाता है सांस लेने की कला
अस्थमा या किसी भी तरह के सांस के रोगों को कार्डियोवस्कुलर फिजियोथेरेपिस्ट सांस रोकने और छोड़ने वाले व्यायाम या गुब्बारे फुलाने जैसे अभ्यास के जरिये ठीक करता है।
असहनीय दर्द में भी दे आराम
हमारी पीठ व कूल्हे के निचले हिस्से में करीब दो दर्जन से ज्यादा मांसपेशियां होती हैं, जिनका ठीक रहना जरूरी है। घुटनों के दर्द से निजात पाने में सर्जरी के 80 फीसदी मामले व्यायाम व फिजियोथेरेपी की कमी के कारण अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाते। कई मामलों में कूल्हे व घुटने के प्रत्यारोपण व फ्रैक्चर के बाद उनके रिहैबिलिटेशन में फिजियोथेरेपी जरूरी हैं। फिजियोथेरेपी में दर्द की मूल वजहों को तलाश कर उस वजह को ही जड़ से खत्म कर दिया जाता है। फिजियोथेरेपी बैठने, खड़े होने या चलने के खराब पॉस्चर की वजह से या मांसपेशियों में खिंचाव के कारण ऑस्टियोपोरोसिस या किसी अन्य फ्रैक्चर में होने वाले दर्द कमर में दर्द से भी राहत दिला सकती है।
पेल्विक डिसऑर्डर
प्रेग्नेंसी या किसी सर्जरी के बाद मांसपेशियां सख्त हो जाने से कई लोगों को पेल्विक (पेट के नीचे का हिस्सा) में ऐंठन दर्द रहने लगता है। फिजियोथेरेपिस्ट ‘ट्रिगर प्वॉइंट रिलीज’ तकनीक के इस्तेमाल से प्रभावित हिस्से का मसाज कर मरीज को इस दर्द से राहत दिलवाते हैं तथा रीढ़ की हड्डी और पेट के विभिन्न अंगों को भी सपोर्ट करता है।
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