मत पूछो मुझसे तुम मेरे दिल का हाल
सच जानकर कहीं हो न जाओ बेहाल
हम अजनबी थे तो कितने करीब थे
करीब हुए तो फिर बिछड़ने का मलाल
तेरी खामोशी में सुनी है तेरी धड़कनें
आज निशब्द हूं सुनकर तेरे लाखों सवाल
मुझे पढ़ने वाले नहीं भूल सकते जिंदगी में
आत्मा से लिखी शायरी मेरे अल्फ़ाज़ क़माल
डॉ लाल थदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे
8005529714