*डॉ दीपा थदानी/ सहचरिणी*
मेरी पत्नी तुम अंकगामिनी मेरा पहला प्यार
चंद लफ्ज़ों में लोगों की तरह कैसे करूं इजहार
सुबह का मुस्कुराता झरना हो तुम ठंडी बयार
मेरे गीतों की सरगम, सुर ताल मेरा पूरा संसार
तुमसे हर दिन उज्जवल रात रोशन तुम सदाबहार
मेरी हर मुश्किल हुई आसान की उमंग से पार
तुम हवा मेरी सांस हो धड़कन खुशनुमा बहार
निराकार मेरा जीवन निरंकुश तूने दिया आकार
डॉ लाल थदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे
01.07.2024