मेरा परिचय
मैं किसी को दे ही क्या सकता हूँ
मेरे पास देने के लिए है भी क्या
मेरी शख्सियत,मेरी अहमियत,मेरा वजूद
मेरा परिचय कुछ भी नहीं शून्य बस एक बूँद
फिर भी मैं नकारा नहीं और ना ही स्वार्थी
मैं बूँद अमर हो जाऊं जो मिले कोई स्वाति
मेरा गम मेरा अपना है मगर मेरी खुशी पराई
खाक-ए-शरीर बाद भी जिंदा रहूंगा मेरे भाई
डॉ लाल थदानी
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