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Wednesday, November 20, 2019

छींकना मगर एहतियात के साथ

*छींक रोकना बेहद खतरनाक हो सकता है,
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छींकना आमतौर पर अशुभ माना जाता है लेकिन कुछ छींक शुभ भी होती है*
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*✍🏽⭕तिलक माथुर*
*केकड़ी_राजस्थान* (19.11.2019)
छींक आना एक प्राकृतिक क्रिया है और स्वस्थ जीवन के लिए बहुत जरूरी है। दरअसल, जब कोई बाहरी तत्व हमारे शरीर में प्रवेश कर रहा होता है तो उसे बाहर निकालने के लिए भी शरीर ये प्रतिक्रिया देता है।हमें छींक आ जाती है और वो संक्रामक चीज बाहर ही रह जाती है । सही मायनों में कहा जाए तो ये हमारे शरीर की सुरक्षा प्रक्रिया है। जब हम छींक रोकते हैं तो वो प्रेशर हमारे नाक या गले की कोशिकाओं पर दबाव डालकर उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। कई बार इसका असर दिमाग पर भी हो जाता है। कई बार ऐसा होता है कि सार्वजनिक रूप से छींकना हमें सही नहीं लगता है और हमारे छींकने से आस-पास के लोग भी असहज हो जाते हैं। यही वजह है कि हम 'एक्सक्यूज मी' कहकर छींकते हैं, पर क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि  सामने वाला आपको 'गॉड ब्लेस यू' क्यों कहता है.
दरअसल, छींक जिंदगी और मौत से जुड़ी  है। जी हां, ये बिल्कुल सच है कि छींक रोकना बेहद खतरनाक हो सकता है। हो सकता है कि आपके शरीर के दूसरे अंगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़े। दरअसल, छींक बहुत तेज गति के साथ आती है। ऐसे में जब हम छींक रोकते हैं तो वो प्रेशर हमारे नाक या गले की कोशिकाओं पर दबाव डालकर उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। कई बार इसका असर दिमाग पर भी हो जाता है।

छींक रोकने से स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। छींक आने के दौरान हमारे नासा-छिद्रों से तेज रफ्तार में हवा बाहर आती है। अगर आप छींक रोकते हैं तो ये सारा दबाब दूसरे अंगों की ओर मुड़ जाता है। इससे सबसे अधिक नुकसान कान को हो सकता है। हो सकता है कि ऐसा करने से आपके ईयर-ड्रम्स फट जाएं और आपके सुनने की क्षमता चली जाए।
छींकने के साथ हमारे शरीर में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं, पर अगर आप छींक रोकते हैं तो ये शरीर में ही बने रहते हैं।
कई बार ऐसा होता है कि छींक रोकने की वजह से आंखों की रक्त वाहिकाएं प्रभावित हो जाती हैं।
इसके अलावा गर्दन में भी मोच आ सकती है। कुछ दुर्लभ मामलों में दिल का दौरा आने की भी आशंका रहती ही है। अगर प्रभाव ज्यादा हो तो दिमाग की नसों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। सार्वजनिक स्थलों और लोगों के समूह के बीच में छींकना थोड़ा असहज लगता है और हम हाथ रखकर अपनी छींक रोक देते हैं। ये देखने में बहुत ही शालीन लगता है क्योंकि सामने वालों को किसी असहजता का सामना नहीं करना पड़ता है, पर स्वास्थ्य के लिहाज से ये बेहद खतरनाक हो सकता है। आप चाहें तो छींकने के दौरान मुंह पर एक रुमाल रख सकते हैं, जिससे सामने वाले को असहज भी नहीं महसूस होगा और संक्रमण फैलने का खतरा भी कम हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि आपने अक्सर ये देखा होगा कि छींक आने के कारण आप हल्का महसूस करते हैं लेकिन यदि छींक अटक जाए और आपकी लाख कोशिशों के बाद भी न आये तो आप असहज महसूस करने लगते हैं। छींक के फायदे अनेक हैं। यह श्वास नली को साफ़ करती है और नाक में मौजूद गंदगी को साफ़ करनें में मदद करती है। जब कोई चीज हमारी नाक में जाती है, तो नाक की दीवारें इसकी सूचना दिमाग तक पहुंचाती हैं। इसके बाद दिमाग हमारी आँखें, गले और मुंह को बंद करने का आदेश देता है। इसके बाद छाती की मान्पेसियाँ फूलती हैं और गले की मान्पेसियाँ आराम करती हैं। इसी प्रक्रिया के दौरान गले में बनी हवा हमारी नाक और मुंह के जरिये तेजी से बाहर निकलती है, जिसे छींक कहते हैं।
ऐसा भी कहा जाता है कि छींक आने से दिमाग को भी फायदा होता है। दरअसल जब हम छींकते हैं, तो थोड़ी देर के लिए हमारी नाक और गला काफी आरामदायक महसूस करते हैं। इसी दौरान दिमाग में एक हार्मोन बनता है, जो दिमाग को अच्छा महसूस कराता है। इसी कारण से कई लोग जबरदस्ती नाक में कुछ डालकर छींक लाने का प्रयास करते हैं। इस असहजता से छुटकारा दिलाने के लिए आइये आपको बताते हैं कुछ ऐसे उपाय, जिनसे आपको आसानी से छींक आ सकती है। छींक लाने के लिए चॉकलेट का सेवन करना चाहिए।  कोई भी डार्क चॉकलेट या अत्यधिक कोको युक्त चॉकलेट खाएं और आपकी अटकी हुई छींक तुरंत बाहर आ जाएगी।  वहीं छींक लाने के लिए चुइंग गम खाएं। ऐसी गम्स जिनमें मिंट नहीं होता है । तेज़ मिंट को खा लेने से ही छींक आपके शरीर में उत्पादित होती है। क्यों फायदेमंद है ? मिंट के स्वाद के साथ साँस लेने से प्रेरित छींक त्रिधारा तंत्रिका के करीब किसी भी तंत्रिका के अतिउत्तेजित होने का परिणाम होता है और त्रिधारा तंत्रिका के ट्रिगर होने से ही छींक आती है। इसी प्रकार नाक का बाल खींचने से भी छींक आ जाती है। नाक का बाल तोड़ने के बारे में सोचने से ही हमें नाक में खुजली होने लगती है।
*आक्छीं*.... जी हां छींकना आमतौर पर अशुभ माना जाता है लेकिन कुछ छींक शुभ भी होती है। आइए जानें कैसे... सामने की छींक लड़ाई-झगड़े को बतलाती है। पीछे की छींक से सुख मिलता है अगर वह हमारे उल्टे हाथ की तरफ से आती है। ऊंची छींक बड़ी ही उत्तम होती है।नीची छींक बड़ी दुखदायिनी होती है और चलते समय अपनी खुद की छींक भी बड़ा दुख देने वाली होती है। दाईं तरफ की छींक धन को नष्ट करती है। बाईं तरफ की छींक से सुख मिलता है। यानी अगली बार छींक आए तो डरें नहीं यह शुभ भी हो सकती है।
*संकलन : तिलक माथुर 9251022331*

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