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Saturday, November 30, 2019

विश्व एड्स दिवस 2019 पर विशेष

विश्व एड्स दिवस की पूर्व संध्या पर विशेष :

क्या आप जानते हैं (आगामी प्रकाशनादीन धृतराष्ट्र पुस्तक से उद्धृत )

(ना नियमों का पालन हुआ न कर्तव्यों का पालन हुआ । क्यों, किसके लिए, कैसे
धृतराष्ट्र बने ...

1). राजस्थान प्रदेश में एचआईवी एड्स का नोडल ऑफिसर प्रत्येक जिले में उप मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी स्वास्थ्य को बनाया गया है । अजमेर से डॉ लाल थदानी को छोड़कर । ये अपवाद क्यों (जानिए अगले कुछ अंकों में  )
1. अजमेर में एचआईवी एड्स की आवाज सबसे पहले जेएलएन मेडिकल कॉलेज अजमेर में एक बहुत बड़े सेमिनार के रूप में 1984 में मेरे द्वारा उठाई गई थी । उसके 6 महीने बाद पुष्कर से एक विदेशी नागरिक एचआईवी पॉजिटिव पहला मरीज घोषित हुआ । डॉ सिसोदिया ने छात्र सदस्य के रूप में इसमें भाग लिया था ।

2). दैनिक नवज्योति ने अंतिम पृष्ठ पर चार फोटो और आधा पेज कवर किया था । सम्मानीय श्री दीनबंधु चौधरी जी के सिटीजन कौंसिल में मै और दिवंगत मंत्री श्री किशन मोटवानी जी सम्मानित सदस्यों में से एक थे।

3). विश्व एड्स की इंटरनेशनल संस्था द्वारा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 91 चेन्नई और दिल्ली  राष्ट्रीय सम्मेलन 92 में भाग लेने के लिए मुझे स्कॉलरशिप दी गई थी । चेन्नई में डॉ वीके माथुर ने सम्मेलन फीस देकर मेरे साथ भाग लिया था ।

4). DPC 2007 से कैडर पोस्ट प्रमोशन पश्चात 1 जनवरी 2008 से मैंने उप मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी स्वास्थ्य पदभार संभाला और by डिफॉल्ट जो नौकरी से पूर्व चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा में अपने स्तर पर राष्ट्रीय कार्यक्रम करता था अब सरकारी पद पर रहते हुए काम करने का अवसर मिला ।

5). मलेरिया , लेप्रोसी, कुष्ठ रोग एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रम का बजट सीएमएचओ और कार्यालय सहायक ओम जीनगर देखते थे और उप मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी नवपद सृजन के बाद स्वास्थ्य विभाग में सर्वे सर्वा श्री ओम जीनगर प्रभावहीन हो गए थे । पहले बजट पर निगाह और हथेली उनकी थी ।

6). डिस्ट्रिक्ट यूनिट का गठन जून 2008 से हुआ । एचआईवी पीड़ितों के लिए समाज , कल्याण विभाग , जिला रसद अधिकारी , रेलवे और रोड़वेज से लड़कर हमने उनके लिए सरकार से अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराई ।

7).इस दौरान सामान्य लड़की से एचआईवी पॉजिटिव की हो रही शादी  फिल्मी ड्रामे के तहत को रुकवाने में मेरी जिला प्रशासन , नवज्योति से बोल्ड महिला पत्रकार ने मेरा साथ दिया।

8). जिला प्रशासन ने 26 जनवरी 2009 को मेरे से आवेदन मांगा जिसे मेरे जिला अधिकारी ने हंसकर टाल दिया ।

9) डॉ वीके माथुर के निर्देशक बनने पर मैंने उन्हें पत्र लिखकर अवगत कराया कि अर्बन मलेरिया स्कीम अजमेर में जेडी अजमेर के अधीनस्थ है शेष जिलों में सीएमएचओ उसकी मॉनिटरिंग करता है । समस्त जिलों में एचआईवी एड्स का नोडल अफसर डिप्टी सीएमएचओ होता है अजमेर को छोड़कर ।

10).भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का नोडल ऑफिसर अतिरिक्त/उप मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी परिवार कल्याण है तो मुझे वरिष्ठता को देखते हुए यह पद दे दिया जाए क्योंकि डॉ के के सोनी के पास ट्रिब्यूनल कोर्ट से मेरे स्टे और सीनियरिटी केस के बावजूद दो वरिष्ठ पद होने से इसकी मॉनिटरिंग और सुदृढ़  क्रियान्विति संभव नहीं। केस डॉक्टर के के सोने के विरुद्ध अभी भी चल रहा है और और ने सीएमएचओ रेगुलर भी कर दिया गया जबकि उच्च न्यायालय में भी स्टे है यह कहते हुए कि डॉ लाल थदानी की वरिष्ठता और विशेषज्ञता का बार-बार उल्लंघन हो रहा है । मेडिकल कैडर का मजाक जितना राजस्थान में हुआ है उतना किसी अन्य प्रदेश में नहीं हुआ ।

11).तत्कालीन जिला कलेक्टर श्री गौरव गोयल ने भी सरकार को पत्र लिखा कि डॉक्टर के के सोनी से वरिष्ठ है और वह डॉक्टर थदानी को कॉर्पोरेट (सहयोग) नहीं कर रहे इसलिए परिवार कल्याण विभाग की जिम्मेदारी डॉ थदानी को दे दी जाए ।

इस पत्र के अलावा , वरिष्ठ आईएएस श्री नीरज के पवन की नोट शीट कि मेरे अधीन जेडी आईईसी के रिक्त पद पर  जयपुर निदेशालय में डॉ लाल थदानी को लगाया जाए (2016) लेकिन 1 अधिकारी ने कभी नहीं चाहा कि मै सुकून से रहूं । न जयपुर न अजमेर ।


क्रमशः

3 comments:

  1. *समझौतों की भीड़-भाड़ में, सबसे रिश्ता टूट गया.!*

    *इतने घुटनें टेके हमने, आख़िर घुटना ही टूट गया..!*

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  2. *समझौतों की भीड़-भाड़ में, सबसे रिश्ता टूट गया.!*

    *इतने घुटनें टेके हमने, आख़िर घुटना ही टूट गया..!*

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