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Tuesday, May 19, 2020

असंतुलित प्रकृति / मानव जीवन से होती है वैश्विक महामारी डॉ लाल थदानी


असंतुलित प्रकृति / मानव जीवन से होती है वैश्विक महामारी 
डॉ लाल थदानी

राजस्थान प्रदेश में कोविद19 महामारी में एक बात मुखर होकर सामने आयी है । एक आध जिलों में हुए अपवाद स्व उत्पादित विवाद को अगर कुछ दिनों के लिए कुईनीन की कड़वी गोली समझकर भूल भी जाएं तो इस महामारी में सब अपना बेहतरीन दे रहे हैं । 

संभवतः किसी भी महामारी के इतिहास में कोरोना वायरस की जटिलताओं ,अनदेखी , अनजानी, विषम परिस्थितियों को जिस सुगमता, दूरगामी परिणाम के साथ मुख्य मंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा , अतिरिक्त शासन सचिव रोहित कुमार सिंह , मिशन निदेशक नरेश ठकराल ने इस महामारी से प्रदेश को संभाला है भविष्य और इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा ।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ने कोरोना वैश्विक महामारी में  लॉक डाउन 1 से 4 , क़ुरइंटाईन और आइसोलेशन व्यवस्था प्रवासियों के लौटने की व्यवस्था में जो भूमिका निभाई है अच्छे से अच्छा डॉक्टर , अच्छे से अच्छा प्रशासनिक अधिकारी ,  विश्व के तमाम नेता आश्चर्य कर रहे हैं । यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक वीसी के दौरान अन्य राज्यों से आव्हान किया कि वे राजस्थान के मुख्यमंत्री से सीखे जिन्होंने कोरोना संक्रमण के दौरान आमजन को होने वाली परेशानियों को आमजन की नजरों से देखा और रखा और समस्याओं के निदान का सुझाव भी दिया । टीम भावना की वजह से ही आज  भीलवाड़ा मॉडल विश्वपटल में राजस्थान की अनूठी पहचान है । मुखिया की तारीफ़ ही हम सब की ऊर्जा है ।

इस बीच अरिसदा डॉक्टरों की हलचल और आपसी टकराव और हुंकार भी देखने को मिल रहा है । आश्चर्य कोविद 19 में महत्ति भूमिका का दावा करने वाले देर रात 3 बजे तक और फिर सुबह 8 बजे गैर अरिसदियन के साथ व्हाट्स अप हमलों में व्यस्त हो जाते हैं ।

शीर्ष नेतृत्व को जहां जरूरत होती है किसी की भी नाराजगी , बौखलाइट , असमंझस का यथोचित , यथा संभव ,  उचित समाधान के साथ जवाब भी दे रहा है । प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में मुखिया और निदेशक (जन स्वास्थ्य)  डॉ के के शर्मा निदेशक आरसीएच डॉ आरएस छीपी और निदेशक एड्स डॉ डोरिया के साथ मिलकर बड़ी सरलता और तत्परता से सरकार और जिला अधिकारियों के मध्य मजबूत सेतु बने हुए हैं । 

उनके संयोजन में डॉ एएन माथुर , डॉ रवि शर्मा , डॉ लछ्मण ओला समस्त जिला प्रभारी का आपसी संवाद , सम्प्रेषण , समन्वय , तालमेल,  नित नए नवाचार अख़बार की सुर्खियों में है । स्टेट व्हाट्स एप्प  ग्रुप में स्लीपिंग सेल्स की मौजूदगी की वजह से किसी उपलब्धि पर किसी का प्रोत्साहन या थम्स अप मिले न मिले व्यकिगत फ़ोन से हौसला अफजाई निदेशक महोदय के नित्य क्रम में है । कोविद19 निश्चित रूप से चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों के भविष्य के लिए शुभ संकेत है ।

कुछ दिन पहले राज्य स्तरीय वीसी में स्वास्थ्य निदेशालय के निदेशक (जन स्वास्थ्य)  डॉ के के शर्मा को  देखने सुनने का मौका मिला । #कोबिद19 में  उन्होंने अजमेर, जयपुर , टोंक , बांसवाड़ा , नागौर , जोधपुर , भरतपुर आदि जिलों के सीएमएचओ जहॉ अत्यधिक मरीज एक ही क्षेत्र से आए हैं से फीडबैक लेते हुए अपनी सजगता , ततपरता और अनुभव का बेहतररीन परिचय दिया ।

एसीएस रोहित सिंह ने फोकस स्ट्रैटिजी पर बल देने की आवश्यकता बताते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने और आयुष्मान योजना का अधिक से अधिक लाभ मिले मुख्यमंत्री जी की मंशा से अवगत कराया।

अत्तिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ रवि शर्मा ने कंटेंनमेन्ट और बफ़र ज़ोन में 3 और 5 कि. मि. में कार्यं करने और सरकार की एडवाइजरी की सख्ती से पालन करने की बात के अलावा रैंडम सैंपलिंग बढ़ाने पर बल दिया ।

एमडी नरेश ठकराल ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने कोबिद हॉस्पिटल के अलावा अन्य सर्विसेस को बहाल करने और टीकाकरण शुरू करने की आवश्यकता जताई । वीसी में निदेशक आरसीएच डॉ आर एस छीपी ने  जन कल्याणकारी योजनाओं को सुदृढ़ सुगम संचालन की महत्ती आवश्यकता के अलावा मातृ शिशु सेवाओं के सुदृढ़ीकरण  और बहाली पर बल दिया  ताकि आमजन को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिले ।  

अंत में एसीएस महोदय ने सबका मनोबल बढ़ाते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग अच्छा काम कर रहा है संदेश देने के लिए कहा है कहकर सबसे अपने लिए ताली बजाने के लिए कहा है । 

एक लंबे काउंटडाउन में बिगड़ती अर्थव्यवस्था , मद्य और निम्न श्रेणी परिवारों में रोज़ी रोटी की अनिश्चितता और बढ़ते मानसिक अवसाद में असली
कोरोना वारियर्स को परे ढकेलते गली कूचे में मेंढकी
कोरोना वारियर्स की बढ़ती फेरहिस्त में सेल्फ़ मोटिवेशन और अभिवादन तो बनता ही है । 

निश्चित रूप से कोरोना रूपी दैत्य से डरकर नहीं अब उसके संग रहकर ही डटकर मुकाबला किया जा सकता है । इतिहास गवाह है प्रकृति हो या मानव जीवन । कमज़ोर कड़ी ने ही बीमारी अथवा महामारी  को जन्म दिया है ।

 निजी स्वच्छ्ता , पर्यावरण , आहार , सोशल डिस्टनसिंग की जरा सी अनदेखी और चूक से आप स्वयं मौत को निमंत्रण देंगे । सरकार ने आमजन को अपना बेहतरीन दिया है । और आमजन के लिए एक ही संदेश है बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है ।

डॉ लाल थदानी, MD PSM
वरिष्ठ जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ

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