साधना शिवदासानी नैयर : फिल्मी चकाचौंध में बिखरते रिश्तों की दास्तान
तेरा मेरा प्यार अमर फिर क्यो मुझको लगता है डर
मेरे जीवन-साथी बता क्यो दिल धड़के रह रह कर ...
गुजरे जमाने की खूबसूरत और बेहतरीन अभिनेत्रियों में
से एक साधना का जन्मदिन 2 सितंबर को होता है।
साधना खूबसूरती और टैलेंट का बेजोड़ संगम थीं।
60-70 के दशक में अपनी सौम्य खूबसूरती,अदा, अभिनय और हेयर स्टाइल से लोगों को दीवाना बना
देने वाली साधना का पूरा नाम *साधना शिवदसानी* था। साधना करीना कपूर की माँ बबिता की चचेरी बहन थी । साधना अपने माता पिता की एकमात्र संतान थीं और 1947 में देश के बंटवारे के बाद उनका परिवार कराची छोड़कर मुंबई आ गया था। साधना का नाम उनके पिता ने अपनी पसंदीदा अभिनेत्री साधना बोस के नाम पर रखा था।
60 के दशक में साधना का हेयर स्टाइल बेहद मशहूर हुआ था। इस हेयर स्टाइल को नाम मिला "साधना कट" का जो आज भी मशहूर है। लड़कियों के बीच चूड़ीदार सलवार का फैशन मशहूर करने का श्रेय साधना को ही जाता है।
करीब 35 फिल्मों में अपनी अदाकारी के जलवे बिखेरने वाली साधना ने हिन्दी फिल्म इन्डस्ट्री में एक बड़ा मुकाम हासिल किया था। उन्हें बचपन से ही हीरोइन बनने का शौक था तो चली आईं फिल्मों में। उन्हें पहला ब्रेक 1955 में आई फिल्म 'श्री 420' से मिला। फिल्म हिट रही और इसमें साधना के काम को भी नोटिस किया गया।
उनकी फिल्मों में 1981 महफ़िल ,1977 अमानत,
1974 गीता मेरा नाम ,1972 दिल दौलत दुनिया ,
1971 आप आये बहार आई,1970 इश्क पर ज़ोर नहीं ,1969 इंतकाम ,सच्चाई ,एक फूल दो माली,
1967 अनीता ,1966 मेरा साया ,1966 ग़बन,
1965 वक्त ,1964 वो कौन थी , 1964 राजकुमार, 1964 दूल्हा दुल्हन ,1963 मेरे महबूब , 1962 असली नकली ,1962 मनमौजी ,1961 हम दोनों ,1960 परख है।
साधना ने 'लव इन शिमला' के डायरेक्टर राम कृष्ण नय्यर से 1966 में शादी की थी। उस समय साधना सिर्फ 16 साल की थीं और नय्यर 22 साल के। साधना के पैरेंट्स उनकी शादी के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन राज कपूर की मदद से दोनों की शादी हो पाई। नय्यर का निधन 1995 में हो गया था। दोनों के कोई बच्चे नहीं थे।
पति की मौत के बाद वो अकेले रह गई थीं। फिर अचानक ही साधना को बीमारियों ने जकड़ लिया। साधना को थॉयरॉइड की बीमारी हो गई जिसकी वजह से उन्हें एक्टिंग में भी तकलीफ होने लगी। धीरे-धीरे थायरॉइड की वजह से साधना की आंखों में भी परेशानी बढ़ गई और एक वक्त वो आया जब उन्होंने पब्लिक इवेंट्स, फंक्शन में जाना और फोटो तक खिंचवाना बंद कर दिया।
अपने अंतिम दिनों में भी साधना गुमनामी जैसी जिंदगी में ही रहीं। उनका कोई अपना करीबी था नहीं और गिरती सेहत और बाकी कानूनी कामों को संभाल नहीं पा रही थीं, जिसके चलते उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से मदद भी मांगी, लेकिन कोई आगे नहीं आया। खुद इसका खुलासा साधना की खास दोस्त और हीरोइन तबस्सुम ने 2015 में दिए एक इंटरव्यू में किया था।
25 दिसम्बर 2015 को 73 वर्ष की अवस्था में वह इस दुनिया को छोड़कर चली गई। उन्हें आत्मिक श्रद्धांजलि।
अजी रूठ कर अब कहाँ जाइयेगा
जहाँ जाइयेगा हमें पाइयेगा...
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