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Wednesday, December 30, 2020

संभावनाओं से भरा हो साल 2021 / डॉ लाल थदानी

#हिन्दी_काव्य_कोश
#tmkosh
*★साप्ताहिक काव्य प्रतियोगिता*
*★दिनांक-31-12-20*
*★विषय-“नव वर्ष"*
---****---------*****----------
पलक झपकते ही बीत गया
साल दो हज़ार बीस

कोरोना की दहशत में  
ऑक्सीजन की भूख में
वेकसीन के इंतजार में
जानें कितनी जानें गईं
छीना सुखचैन,
कारोबार, नींद
साल दो हज़ार बीस

योगा ,आहार का
स्वच्छता , परिवार का
सकारात्मक जीवन का
आचार विचार का
अहसास भी करा गया
साल दो हज़ार बीस

टुवेंटी ट्वेन्टी के खेल में 
फिर भूल गया ख़बर नवीस
न तू उन्नीस था 
और न मैं बीस
रिश्तों  में कड़वाईट ,
बात बात पर झगड़ा,  
नंगा नाच, आगजनी, 
हाथों में तिल्ली माचिस
प्रतिस्पर्धा, द्वेषता, 
बंटवाड़ा, सांप्रदायिकता
क्रोध, लोभ, लालच और टीस

पलक झपकते आ गया
साल दो हज़ार इक्कीस 

हरी भरी वसुंधरा 
नीला गगन सुहाना 
तितलियों का उड़ना
पक्षियों का चहचहाना 
पेड़ों का मुस्कुराना 
स्वच्छ पानी नदी में 
पहाड़ों का झरना 
हंसी ठिठोली उमंग खेल हो
रिश्तो में दिलों का धड़कना

संभावनाओं से भरा हो 
साल दो हजार इक्कीस

स्वरचित और मौलिक :
*डॉ लाल थदानी* 
*#अल्फ़ाज़_दिल से*
*वरिष्ठ जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ*
जे एल एन हॉस्पिटल अजमेर
31.12.2020















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