You will be redirected to my new site in

seconds
If Redirect Dosen't Work Click Here

Thursday, November 26, 2020

दसवीं कक्षा में मेरी 2 कविताएं धर्मयुग मैगजीन से
लौटा दी गई थी ये कहते हुए  कि  प्रकाशन योग्य नहीं है ।   
हमने उस टिप्पणी को सकारात्मक लिया और आज "अल्फाज _ दिल से" पुस्तक प्रकाशन के लिए तैयार है ।   
          
इसके अलावा "काश में कुछ कर पाता" ब्लॉग में चिकित्सा और समाज सेवा में मेरे निजी अनुभव का संकलन 350 से अधिक प्रकाशित हो चुका है । 

एसिड, अटैक महिला सशक्तिकरण  ओजोन, प्लास्टिक दुरुपयोग , कैंसर , डायबिटीज , एड्स , कुष्ठ रोग रक्तदान, प्लाजमा डोनेशन,  ऑर्गन डोनेशन,योगा , फिजियोथेरेपी, मलेरिया , डेंगू , स्वाइन फ्लू , कोरोना संक्रमण आदि स्वास्थ्य और समाजोपयोगी संबंधित अनेक लेख और कविताएं हिन्दी, सिंधी और
विभिन्न पत्रिकाओं में छप रही है । 

मेरे लिखे हुए नाटक दहेज की महामारी के नाम से 1978 में 11वीं कक्षा में सेंट एनस्लम्स स्कूल,अजमेर में मंचन हुआ जिसमें मैं स्वयं गरीब लड़की का मजबूर बाप बना था और मेरे ही निर्देशन और लेखन से यही नाटक "टूटती रेखाएं " के नाम से  1982 में युवा समारोह एम्स नई दिल्ली में अखिल भारतीय इंटर मेडिकल कॉलेज  कंपटीशन में शामिल हुआ और गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ ।

यह सब आप शुभचिंतकों , इष्ट मित्रों , परिजनों के विश्वास , सहयोग और शुभकामनाओं की वजह से संभव हुआ है ।     

डॉ लाल थदानी 8005529714 

https://www.amarujala.com/kavya/mere-alfaz/drlal-thadani-mere-shahar-ko-kiski-najar-lagi-hai-yaron

No comments:

Post a Comment