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Saturday, August 28, 2021

सच्चे मित्रों का रहूं मोहताज़ / डॉ लाल थदानी


सबके उद्गार लिखती है 
मेरी कलम मेरी दवात
मेरे दिल से निकलता है 
मेरा हर अल्फ़ाज़
सादगी से कहता हूं मैं 
हर किसी की बात
लोग जलें या डरें 
इसमें मेरा नहीं कोई दोष
मैं शायर हूं लिखता हूं 
सच्चाई से जज़्बात
इसलिए सबके दिलों में हूं
बसता हूं बनकर आवाज़ 
मेरी शोहरत मेरा नाम है,
जीने का यही मेरा अंदाज़
अच्छे सच्चे मित्रों का मैं
भक्तिपूर्वक रहूं मोहताज

डॉ लाल थदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे 
28.8.2021

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