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Saturday, August 21, 2021

धागों का त्यौहार / डॉ लाल थदानी


         शीर्षक : धागों का त्यौहार                                       (रक्षाबंधन)
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किसी दुआ से कम नहीं 
भाई बहन का प्यार
कितने भी लड़ झगड़ लें
अटूट बंधन का ये तार
विस्वास , आस्था , समर्पण
त्याग से रिश्ता सरोबार
मनाते रेशमी धागों का त्योहार

रक्षाबंधन बांधे सैनिकों को
ये देश के सच्चे पहरेदार
 दुश्मनों को राखी बांधकर
वीरांगनाऐं बनी रचनाकार
कृषक भले हो दीन दुखी
माटी का असली कर्जदार
मनाते रेशमी धागों का त्योहार

अमीर गरीब ऊंच नीच का
भाई बहिन मिटाए अंधकार
रोतें हैं एक दूजे के लिए
घर हो कोई एक बीमार
दुआओं के लिए हाथ 
मांगे खुशियों का संसार
मनाते रेशमी धागों का त्योहार
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स्वरचित अप्रकाशित
डॉ लाल थदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे
21.8.2021 
8005529714
drlal2010@gmail.com

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