विषय : बड़ा पछताओगे दोस्तों
मौलिक स्वरचित
**************************
मेरी मानों अब तो सुधर जाओ दोस्तों
एक दिन हम सब सिधर जाएंगे दोस्तों
तुम फिर किससे बतियाओगे दोस्तों
ऐसा हुआ तो बड़ा पछताओगे दोस्तों।
कोई हंसी ठिठोली करने वाला ना होगा दोस्तों
तुम्हारे गम सुनने वाला ना होगा दोस्तों
दुख सुख में कोई भी शामिल ना होगा दोस्तों
ऐसा हुआ तो बड़ा पछताओगे दोस्तों ।
मित्रता में मैंने तुम्हें हमेशा कृष्ण माना है दोस्तों
खुद को हमेशा गरीब सुदामा जाना है दोस्तों
बांसुरी संग मेरी सांसों की डोर नहीं बांधोगे दोस्तों
ऐसा हुआ तो बड़ा पछताओगे दोस्तों ।
जीवन नैया के होते हैं दो ही खिवैया
आहत हृदय में कान्हा का स्पर्श जैसे छैयां
टूटते रिश्तों से दोस्तों बैयां नहीं थामोगे
ऐसा हुआ तो बड़ा पछताओगे ।
***********************************
डॉ लाल थदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे
02.08.2021
No comments:
Post a Comment