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Sunday, June 18, 2017

सुरक्षा उपाय समन्वित प्रयासों से संभव : डॉ दीपा / डॉ लाल थदानी

सुरक्षा उपाय समन्वित प्रयासों से संभव :
सड़क दुर्घटनाओं को  रोकना ही मृतकों को सच्ची श्रद्धांजलि : डॉ दीपा / डॉ लाल थदानी
www.drlalthadani.in drlal2010@gmail.com
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Live Healthy (Dr.Lal)

विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने  सड़क सुरक्षा को लेकर  रिपोर्ट दी है कि भारत में हर साल विश्व में सबसे ज़्यादा, यानी एक लाख 30 हज़ार से ज़्यादा लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं. विश्व भर में हर घंटे, 25 की उम्र से कम लगभग 40 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं.  पांच से लेकर 29 वर्ष के लोगों में मौत का यह दूसरा सबसे बड़ा कारण है.नैशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो एनसीआरबी के मुताबिक सड़क हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या सालाना 1,35000 पार कर चुकी है. 2009 में भारत में हर घंटे 14 लोग सड़क हादसों में मारे गए. 2008 में यह आंकड़ा 13 था. अगर 2013 की विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट की मानें, तो भारत में हर साल 231,000 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में होती है. 2003 और 2008 के बीच भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिल नाडु जैसे देशों में विकास की रफ्तार के साथ साथ हादसे भी बढ़ रहे हैं.

सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण :

1. व्यक्तिगत लापरवाही
तेज़ रफ्तार से गाड़ी चलाना
असुरक्षित वाहन चलाना
हेल्मट या सीट बेल्ट का इस्तेमाल न करना
बच्चों को नियंत्रण में न रखना
नशे की हालत में वाहन चलाना
बिना कागजात के वाहन चलाना

2. आधारभूत संरचना की कमी
उचित शिक्षा तथा ज्ञान का अभाव
यातायात नियमों और जन जागरूकता का अभाव 
उपलब्ध आधारभूत संरचना का आदर्श उपयोग  
बढ़ता अतिक्रमण
यातायात विभाग और पुलिस अपने कर्तव्य व दायित्व का सही तरीके से निर्वहन करें
‘हम चलेंगे लेन में, नहीं रहेंगे पेन में’,
दुर्घटना रहित सारण, विकसित सारण, नारे को बुलंद किया जाये. पिछले कुछ वर्षो से वाहनों की संख्या बढ़ने के कारण यह आंकड़ा तेजी से बढा है.

3 चालकों की लापरवाही
शराब / नशे में वाहन चलाना,
वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करना,
वाहन मे खराबी,
अचानक किसी वाहन का ओवरटेकिंग करना और यातायात नियमों का पालन न करना.
ओवर लोडिंग
गलत ओवरटेकिंग
गतिसीमा
ड्राईवर को नींद आ जाने से
जैसे अचानक किसी गाड़ी, व्यक्ति या किसी जानवर के सामने आ जाने से…

4.  सडकों की खराब स्थिति,
भारत में सडकों की खराब हालत भी काफी हद तक दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार है. सडकों पर दो वाहन को बचाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं होती है ऐसे में वाहन को बचाने में वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं.

5 : आवारा पशुओं के कारण
  साल 2015 में जारी सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के मुताबिक, भारत में 550 से अधिक लोगों की मौत आवारा पशुओं के कारण सड़क दुर्घटना में हो चुकी है.

उपाय :
यहां एड्स और कैंसर से पीड़ित लोगों को बचाने की पूरी कोशिश की जाती है लेकिन सड़क दुर्घटना रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को अब भी प्राथमिकता में नहीं रखा गया है। इसके लिए सड़क दुर्घटनाओं की ऑडिटिंग, उपयुक्त जांच और देश के हालात के मुताबिक अनुसंधान कर सड़क इंजिनियरिंग को सुधारा जाना और नियमों को सख्ती से लागू किया जाना अभी बाकी है। क्या ड्राईवर के लिए  ऐसा हेलमेट तैयार कर सकते हैं , जिसमें सेंसर और कैमरा लगा हो जो की सामने से आने वाली किसी भी गाड़ी को देखते ही वाइब्रेट होना शुरू कर दे और ड्राईवर को अलर्ट कर दे. दूसरा सुझाव है कि पुलों की रेलिंग पर स्प्रिंग लगी हो और स्प्रिंग के ऊपर स्टील की शीट जो की गाड़ी के टकराने पर रेलिंग से दूर कर दे, बस और ट्रक में भी सेंसर होना चाहिए जो की किसी भी गाड़ी के टच में आने पर पॉवर ब्रेक लग जाये ।
सरकार को माह में एक बार ड्राईवर के लिए ट्रेनिंग कैंप लगवाना चाहिए, जिससे ड्राइवर ऐसी स्थिति का सामना करने के लिए मानसिक तौर से मजबूत रहें. - 
पशुओं के सींग पर रेडियम स्ट्रिप अथवा चमकीले बैंड को लगाएं, ताकि अंधेरे में भी आसानी से पशुओं की पहचान की जा सके ।

1 comment:

  1. Dr lal saheb bahut he accha page banaya hay aapnay
    God may bless u nd urs THANDANIS FAMILY

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